सरायकेला: जिस जिले की छुटनी महतो को डायन उन्मूलन के लिए किए जा रहे प्रयासों को देखते हुए भारत सरकार की ओर से इस साल पद्मश्री देने की घोषणा की गई है उसी सरायकेला जिले में डायन प्रथा थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला सरायकेला थाना अंतर्गत कृष्णापुर गांव का है. जहां एक परिवार को ग्रामीणों ने डायन का आरोप लगाकर गांव छोड़ने का फरमान जारी कर दिया है. पत्नी सहित पांच बच्चों के साथ परिवार सरायकेला थाना पहुंचकर पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है. और ग्रामीणों के खिलाफ में लिखित शिकायत करते हुए कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. पीड़ित रामराई हांसदा ने पुलिस को किए गए शिकायत में कहा है, कि परिवार में कुल सात सदस्य हैं. मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करता हूं. इसके अलावा अपनी पुश्तैनी जमीन पर खेती करता रहा हूं. विगत 21 जून को मेरी पत्नी पर डायन होने का आरोप लगाकर ग्रामीणों द्वारा बैठक किया गया, और बैठक में मुझे गांव छोड़ने का फरमान जारी किया गया. गांव ना छोड़ने पर मुझे परिवार सहित जान से मारने की धमकी देने लगे. ग्रामीणों की बैठक में गांव के माझी मंगल किस्कू, सुरेश किस्कू, बिगुल किस्कू, लोखीन किस्कू, भोस्को हांसदा, संगा किस्कू, हिमा किस्कू, झोकरो सारडी, जयराम हेम्ब्रेम, अलोमनी मुर्मू, दुलु टुडू, भुट्टी टुडू, देविघासी टुडू, होपना किस्कू, मंगल किस्कू, कृष्ण पूर्ति, बुलाय किस्कू, चरण हांसदा सहित अन्य ग्रामीणों ने इसका समर्थन किया. राम राई ने पुलिस से न्याय दिलाने एवं अपने व परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है, ताकि सामान्य जीवन व्यतीत कर बच्चों की पढ़ाई जारी रख सकूं. मामले पर थाना प्रभारी मनोहर कुमार ने बताया मामले की जांच के लिए टीम को गांव भेजी जाएगी. सही होने पर आरोपियों के विरुद एफआईआर दर्ज कर कारवाई की जाएगी.
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