राजनगर: सरायकेला- खरसावां जिला के राजनगर प्रखंड के नायासाई निवासी धानु सोरेन का 15 वर्षीय पुत्र गणेश सोरेन घिसटते हुए चलने को विवश हैं.
मगर अबतक सरकारी तंत्र की नजर इस दिव्यांग किशोर पर नहीं पड़ा. गणेश काफी मुश्किल भरी जिंदगी जी रहा है. उसकी देखभाल में परिजन व्यस्त रहते हैं. उसे नित्यकर्म करना, नहाना- धोना हर चीज के लिए सहारे ही जरूरत होती है. परिजनों ने बताया, कि बचपन में गणेश बिल्कुल सामान्य बच्चों की तरह ठीक- ठाक था. लगभग आठ वर्ष की उम्र में अचानक किसी बीमारी से ग्रसित हो गया. जिससे उसका दहिना पैर और हाथ काम करना बंद कर दिया. बोलने की शक्ति भी खत्म हो गई. अब गणेश बोल भी नहीं पता. पिछले सात सालों से गणेश इसी हालात में जी रहा है. घिसटते हुए चलता है. माता- पिता भी काफी गरीब हैं. बच्चे का इलाज कराने में बिल्कुल अक्षम हैं. शुरू में एमजीएम वगैरह में इलाज भी कराया गया था. परंतु ठीक नहीं हो सका. गुरुवार को सांसद प्रतिनिधि मोतीलाल गौड़ एवं विशु हेम्ब्रम नाटायरुली गांव अनाथ बच्चों की सुधि लेने पहुंचे थे. उसी समय घर आंगन के बाहर गणेश सोरेन को घिसटते हुए चलते देखा. प्रतिनिधियों ने तुरंत गाड़ी रोका और उतरकर परिजनों से गणेश के इस हालात की जानकारी ली. परिजनों ने बताया, कि गणेश को कोई सरकारी लाभ नहीं मिलता. राजनगर प्रखंड मुख्यालय में आयोजित शिविर में भी आवेदन दिया गया था. फिर भी कुछ काम नहीं हुआ. गणेश का अभी तक विकलांगता प्रमाण पत्र भी नहीं बना है. जिससे उसे स्वामी विवेकानंद पेंशन योजना का लाभ भी नहीं मिलता. यहां तक कि और उसे एक अदद ट्राई साइकिल भी नसीब नहीं हुई है. सारी वस्तुस्थिति से अवगत होकर सांसद प्रतिनिधियों ने परिवार को भरोसा दिलाया कि गणेश को शीघ्र सबसे पहले ट्राई साइकिल उपलब्ध करा देंगे. इसके बाद अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाएंगे. इस दौरान प्रतिनिधियों ने गणेश सोरेन को सूखा राशन भी दिया. इस दौरान गणेश के पिता भावुक हुए और इस सहायता और बेटे को सरकारी लाभ देने के अवश्वान पर प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया.