सरायकेला: जिले में पहली बार धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत सीतारामपुर जलाशय में केज पद्धति से मछली पालन की शुरुआत की जा रही है. यह योजना जनजातीय समुदाय की आजीविका, पोषण और आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने की दिशा में एक नया प्रयोग होगा.


मत्स्य उत्पादन और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
इस योजना के तहत, लगभग 70 हेक्टेयर क्षेत्र वाले सीतारामपुर डैम में 32 केज यूनिट की स्थापना कर मत्स्य पालन कार्य प्रारंभ किया जाएगा. इससे मत्स्य उत्पादन के साथ- साथ पर्यटन और रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा.
90 प्रतिशत अनुदान पर सहायता
योजना के तहत, 90 प्रतिशत अनुदान पर लाभुकों को मत्स्य पालन के लिए सहायता दी जाएगी. मछली की बिक्री के लिए दोपहिया वाहन, तीनपहिया वाहन, आइस बॉक्स आदि भी उपलब्ध कराए जाएंगे.
नए बायोफलॉक तालाब का निर्माण
इसके अलावा, योजना के तहत ₹56 लाख की लागत से चार नए बायोफलॉक तालाब भी लेपाटांड (प्रखंड – ईचागढ़) में बनाए जाएंगे, जिससे मछली पालन को तकनीकी रूप से और अधिक सुदृढ़ किया जा सकेगा. धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत की जा रही यह पहल, जिले में सतत आजीविका, पोषण सुरक्षा और ग्रामीण पर्यटन को नई दिशा देने का कार्य करेगी.
