18+ के लिए कोरोना रोधी वैक्सिनेशन अभियान पूरे राज्य के तर्ज पर सरायकेला- खरसावां जिले में शुक्रवार से शुरू हुआ है. लेकिन दूसरे दिन से ही इस अभियान की खामियां दिखने लगी है. जैसा कि आप तस्वीरों में साफ देख सकते हैं, कि एक युवक जिसका नाम योगेश कुमार मुंदरा है.
वैक्सीनेशन के लिए स्लॉट बुक कराता है. उसे आदित्यपुर स्थित स्वर्ण रेखा इंस्पेक्शन बिल्डिग में वैक्सिनेशन का स्लॉट मिलता है. युवक तय समय पर वहां नहीं पहुंच पाया. शनिवार को जब वैक्सीन लेने पहुंचा, तो उसे यह कहकर वैक्सीन नहीं दिया गया कि आपका वैक्सीनेशन हो चुका है.
इतना ही नहीं युवक के मोबाइल में मैसेज भी दे दिया गया है आप वैक्सिनेट हो चुके हैं. युवक दंग रह गया. जब उसने वैक्सिंग ली ही नहीं तो सरकारी रजिस्टर और डाटा में एंट्री कैसे हो गया. मतलब कहीं ना कहीं गड़बड़झाला है. इस संबंध में जब वैक्सीन लगा रही स्वास्थ्य कर्मी से पूछा गया, तो उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनके डाटा में इन्हें वैक्सीन लग चुका है, फिर वह कैसे उन्हें दोबारा वैक्सीन दे सकती है.
जबकि इस संबंध में जब नोडल पदाधिकारी से बात किया गया, तो उन्होंने कहा यह मानवीय भूल है. हम स्वास्थ्य कर्मी को युवक को वैक्सीन देने बोल देते हैं. वैसे सवाल एक योगेश की नहीं है सवाल सिस्टम की है.
जब व्यक्ति ने वैक्सीन लिया ही नहीं, तो उसकी एंट्री कैसे हो गई. जिले के ज़्यादातर ग्रामीण इलाकों के लोग वैक्सीनेशन अभियान का विरोध कर रहे हैं. वैक्सीन लेने सेंटर पर नहीं पहुंच रहे हैं. तो क्या बड़े पैमाने पर डाटा के साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है !