सरायकेला/ Pramod Kumar Singh : बुधवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर जिला समाहरणालय सभागार में “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” योजना के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने और उनके सशक्तिकरण व मानवाधिकारों को प्रोत्साहन देने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित करना था. इस दौरान बालिकाओं के सामने आने वाली असमानताओं को उजागर करने और उनके अधिकारों, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के महत्व सहित जागरूकता को बढ़ावा देने के सम्बन्ध में चर्चा किया की गई.
उक्त कार्यक्रम में उपायुक्त ने 10वीं और 12वीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं प्रसस्ती पत्र देकर सम्मानित किया एवं पांचवीं से छठवीं में, आठवीं से नौवीं एवं 10वीं और 11 वीं में बालिकाओं के शत प्रतिशत स्थानांतरण वाले विधालय को पुरस्कृत किया गया. साथ ही इस दौरान उपायुक्त ने आए हुए सभी विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को प्रेरित करते हुए कहा कि बालिकाएं हमारे देश का भविष्य है उन्हें शिक्षित करना हमारी जिम्मेवारी होती है. अतः सभी अभिभावक एवं बच्चियों से अनुरोध है कि वह अपने सभी शिक्षा का समय पूर्ण करें एवं भविष्य में एक शिक्षित एवं सशक्त महिला बनकर निखरे.
इसी कड़ी में उपायुक्त ने बताया कि आज भी हमारे समाज में बेटे एवं बेटियों में भेदभाव की दृष्टि से देखा जाता है, उच्च वर्ग निम्न वर्ग तथा लिंग में भेद किया जाता है जिसके परिणाम स्वरुप हमारे समाज पर बुरा असर होता है और इन सब बधाओं को खत्म करने के लिए शिक्षा ही एकमात्र जरिया है. एक शिक्षित महिला ना केवल अपने अपितु वह अपने पूरे परिवार को शिक्षित करने में अहम भूमिका निभाती हैं इसलिए हर माता-पिता एवं शिक्षक का यह दायित्व बनता है कि वह बालिकाओं को उच्च शिक्षा प्रदान करें जिससे एक बेहतर भविष्य का निर्माण हो सके. मौके पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सत्या ठाकुर, जिला शिक्षा पदाधिकारी जितेंद्र सिन्हा, सभी विद्यालय के शिक्षक, कर्मी एवं बालिकाएं, अभिभावक उपस्थित रहे.