सरायकेला: भाजपा नेता सह नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि वर्तमान बालू और गिट्टी की भारी किल्लत सरकार की गलत नीति और खोट नियत के कारण उत्पन्न हुई है. सरायकेला खरसावां जिले सहित पूरे राज्य में विकास के काम रूके है.
सरकार द्वारा अवैध खनन दिखावे की सख्ती बरतने के निर्देश के बाद जिले में बालू की किल्लत हो गई है.
कुछ दिनों पहले तक आसानी से 1500 रुपए से 2000 रुपए तक प्रति ट्रैक्टर बालू मिलता था.
बालू की किल्लत के कारण निजी आवास व नगर पंचायत द्वारा हो रहे कई विकास कार्य ठप हो गए है. पूरे शहर में भवन सड़क नाली निर्माण कार्य बंद है. सबसे ज्यादा परेशान प्रधानमंत्री आवास आवंटित लोग हैं वे लोग अपना घर मकान तोड़कर खुली छत या भाड़े के घर में रहने के लिए बेबस और लाचार हैं क्योंकि बालू की कमी के कारण कई पीएम आवास निर्माण के कार्य भी लटक गए है.
अन्य घटनाओं के मुकाबले बालू के कालाबाजारी की सूचना पर प्रशासन पूरा मुस्तैद नज़र आता है. खनन नीति स्पष्ट नहीं होने के कारण बालू के किल्लत के कारण निजी निर्माण कार्य पुरी तरह से बंद है. निजी कार्य बंद होने से निर्माण कार्य से जुडे निमार्ण सामग्री वितरिक, राज मिस्त्री, मजदूर आदि बेरोजगार हो गए है. जिले के हजारों ट्रैक्टर परिवहन से जुड़े मालिकों के साथ मजदूरो को काम नहीं मिलने से उनके समक्ष रोजगार की गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है. विकास का पहिया थम गया है आर्थिक गतिविधि ठप है. निर्माण कार्य बंद होने से काफी संख्या में मजदूर बेरोजगार हो गए हैं और उनके परिवारिक भरण-पोषण की भी दिक्कत हो रही है.
निजी कार्य, विकास कार्य, प्रधानमंत्री आवास एवं अन्य आधारभूत संरचना संबंधित कार्य तथा मजदूरों के रोजगार जैसी गंभीर परेशानी को सरकार गंभीरता से लें एवं ईमानदारी और जनता की सुविधा के लिए खनन नीति जल्द लागू करें. अन्यथा झारखंड में विकास रोजगार तो प्रभावित होगा ही साथ ही झारखंड काफी पिछड़ जाएगा जिसकी पूरी जवाबदेही वर्तमान सरकार की होगी.