सरायकेला: आत्मा भवन में बुधवार को मशरूम उत्पादन पर जिला स्तरीय तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है. जिला कृषि पदाधिकारी सह आत्मा के परियोजना निदेशक विजय कुजूर ने इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा, कि किसानों को मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. उनकी आय वृद्धि करना इसका मुख्य उद्देश्य है. उन्होंने कहा, कि उक्त प्रशिक्षण कृषकों के जीवन स्तर में सुधार तथा आय में वृद्धि के लिए काफी लाभकारी साबित होगी. प्रशिक्षण कार्यक्रम में उप परियोजना निदेशक विजय कुमार सिंह ने कहा कि सभी प्रतिभागी मन लगाकर इस प्रशिक्षण में बताए बातों को समझे और मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में आगे आए. उन्होने कहा मशरूम की खेती व्यवसायिक खेती है. मशरूम का उत्पादन करने वाले आर्थिक रूप से स्वावलंबी होते हैं. उन्होंने कहा, कि मशरूम की खेती में लागत कम आय अधिक है. यह एक ऐसी फसल है, जो 15 दिन में तैयार हो जाता है. इसके लिए खेत की जरूरत नहीं पड़ती. मजदूर भी इसके लिए नही चाहिए. यह पूर्णत: घरेलू उद्योग है. आदिवासी कृषक महिला कल्याण परिषद रांची की ओर से प्रशिक्षक भूषण मुंडा एवं परमानंद महतो द्वारा सभी प्रतिभागियों को विस्तार पूर्वक मशरूम उत्पादन तथा उनकी सही मार्केटिंग को लेकर जानकारी उपलब्ध कराई.
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