सरायकेला: जिले के सरकारी शराब दुकानों से नकली ब्रांडेड शराब की बिक्री धड़ल्ले से जारी है. चूंकि शराब के शौकीन नकली और असली में फर्क नहीं कर पाते जिस वहज से वे कीमत से ज्यादा पैसे चुकाकर भी नकली शराब ले रहे हैं.
विभाग के आलाधिकारियों के सह पर चल रहा शराब का गोरखधंधा !
सूत्रों की मानें तो सरायकेला जिले के सरकारी विदेशी शराब की दुकानों में मिलावट का गोरखधंधा विभागीय अधिकारियों के इशारे पर चल रहा है. पहले जांच के नाम पर अधिकारी दुकान में दबिश देते हैं. उसके बाद अपने साथ लेकर आए मिलावटी शराब रखकर कर्मिंयों को ब्लैकमेल कर मोटी रकम की डिमांड करते हैं. नहीं देने पर झूठे मुकदमे में फंसा देते हैं. ऐसा 1- 2 नहीं दर्जनों मामला जिले में प्रकाश में आया है. बताया जाता है, कि दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों को मिलावटी शराब बेचने के लिए दबाव बनाया जाता है. ऐसा नहीं करने पर उन्हें झूठे मामले में फंसा दिया जाता है.
ऐसे होता है नकली और असली में फर्क
नकली शराब पीने के बाद लोग भारीपन महसूस करते हैं. कुछ बीमार भी होते हैं. बाद में खुद को कोसकर दुबारा उक्त दुकान से शराब नहीं लेने की कसम खा कर अगले दिन दूसरे दुकान से भी डी कैटोगरी की शराब के चक्कर में फंस जाते हैं. अब सवाल यह उठता है कि असली और नकली में फर्क कैसे पता चले ? चूंकि शराब के शौकीन चोरी- छिपे सरकारी काउंटरों पर जाते हैं और तय कीमत से अधिक रकम देकर आनन- फानन में दुकान से जो भी शराब की बोतल उन्हें पकड़ाई जाती है, वे लेकर चलते बनते हैं, जबकि उन्हें दुकान पर रहकर सबसे पहले तो अत्यधिक पैसे देने का विरोध करना चाहिए. उसके बाद ठोक- बजाकर पैकेजिंग पर ध्यान देने की जरूरत है.
आदित्यपुर में हो चुका है नकली विदेशी शराब की मिनी फैक्ट्री फैक्टरी का खुलासा
आपको याद दिला दें कि पिछले दिनों आदित्यपुर पुलिस ने नकली ब्रांडेड शराब बनाने वाले गिरोह का खुलासा किया था. जहां पुलिस ने भारी मात्रा में ब्रांडेड अंग्रेजी शराब के रैपर, बोतल, रसायन, मशीनरी सहित कई प्रतिबंधित सामान बरामद किए थे. इससे साफ समझा जा सकता है कि जिले में नकली शराब का बड़ा खेल चल रहा है. बावजूद इसके नकली शराब धड़ल्ले से सरकारी काउंटर से बिक रहे हैं. इतना ही नहीं कई दर से अधिक पैसे भी वसूले जा रहे हैं.
कर्मी जाता चुके हैं विरोध
विदित हो कि पिछले दिनों सरकारी लाइसेंसी विदेशी शराब दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों ने जिला उत्पाद अधीक्षक से मुलाकात कर एजेंसी कर्मियों पर संगीन आरोप लगाए थे. जहां कर्मियों ने बताया था कि उन्हें एजेंसी के अधिकारियों द्वारा शराब में मिलावट करने के लिए दबाव बनाया जाता है, बावजूद इसके विभाग और प्रशासन गंभीर नहीं है. समय रहते अगर इस पर गंभीरता नहीं दिखाई गई तो बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है.
तय दर से अधिक पैसे वसूले जाते हैं
बता दें कि जिले के सभी शराब काउंटर से तय दर से अधिक कीमत वसूले जा रहे हैं. ऐसी बात नहीं है कि इसकी जानकारी विभाग को नहीं है बावजूद इसके शराब दुकानदार तेरे दर से अधिक राशि वसूल रहे हैं, कई बार दुकानदार एवं ग्राहकों के बीच विवाद के मामले भी सामने आते रहे हैं.