सरायकेला/ Pramod Singh जिला समाहरणालय के सभागार में आयोजित स्कूल रूआर एक दिवसीय कार्यशाला में शामिल होने पहुंचे विधायक प्रतिनिधि सनंद आचार्य शिक्षा विभाग द्वारा जारी डाटा को देखकर भड़क गए. डाटा में कई प्रकार की त्रुटियां पाई गई. इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत उप विकास आयुक्त से की. जिस पर डीडीसी ने त्रुटि में सुधार करने एवं डाटा संधारण के समय गड़बड़ी करने वालों के ऊपर कारवाई करने की बात कही.


कार्यशाला में उपलब्ध करवाए गए जिले के ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या पर भी विधायक प्रतिनिधि ने अपना असंतोष व्यक्त किया. ड्रॉप आउट में जिले के केवल गम्हरिया प्रखंड से ही 67 बच्चे ड्रॉप आउट हैं. विधायक प्रतिनिधि ने कहा कि गम्हरिया शहरी क्षेत्र में आता है इसके बावजूद भी 67 बच्चों का ड्रॉप आउट होना समझ से परे हैं. इसपर विभाग की ओर से बताया गया कि अभिभावक अपने बच्चों का नामांकन कस्तूरवा गांधी विद्यालय में करवाने के लिए जान बूझकर अपने बच्चों को ड्रॉप आउट कर दे रहे हैं ताकि कस्तूरबा में नामांकन के समय ड्रॉप आउट को पहली प्राथमिकता मिल सके. प्रतिनिधि ने उक्त सभी ड्रॉप आउट बच्चों का नामांकन पंद्रह दिन के अंदर किसी विद्यालय में करवाने का निर्देश दिया.
शिक्षकों के जिम्मे कई काम
श्री आचार्य ने कहा की एक अच्छा शिक्षक ही बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकता है. लेकिन यहां के शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है और उनसे एक से अधिक काम लिया जा रहा है. काम को लेकर शिक्षक तनाव में रहेंगे तो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे उपलब्ध करा पाएंगे.
नियमावली में सुधार की जरूरत
विधायक प्रतिनिधि ने कहा कि राज्य में शिक्षा से संबंधित जो नियमावली बनाई गई है वह करीब 15 वर्ष पुरानी है. वर्तमान के परिवेश के अनुसार नियमावली में सुधार करने की आवश्यकता है.
बाईट
सनंद कुमार आचार्य (विधायक प्रतिनिधि)
