सरायकेला: विधायक प्रतिनिधि की जिम्मेदारी मिलते ही सनन्द आचार्य एक्शन में नजर आ रहे हैं. शुक्रवार को सनन्द ने सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र अंतर्गत निर्मित सामुदायिक शौचालयों का निरीक्षण किया. जहां शौचालयों की स्थिति देख सनन्द नगर पंचायत के अधिकारियों और कर्मियों पर जमकर भड़के.
सनन्द ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट “स्वच्छ भारत अभियान” की दुर्दशा देख नगर पंचायत के अधिकारियों एवं चुने गए जनप्रतिनिधियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा डाला और पूरे पंचायत क्षेत्र में बने सामुदायिक शौचालयों की जांच की मांग की है.
इंडिया न्यूज वायरल से खास बातचीत में सनन्द आचार्य ने नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित सात सुलभ शौचालय की स्थिति पर चिंता जताई, और कहा यह देखकर हैरानी हो रही है, कि इन शौचालयों के रखरखाव में लाखों रुपए महीने सरकारी राजस्व से निर्गत किया जा रहा है, मगर जो हालात हैं वह बद से बदतर हो चले हैं. इससे साफ जाहिर होता है, कि सरकारी खजाने का पंचायत प्रशासन जमकर बंदरबांट कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि नगर पंचायत द्वारा बनवाये गए कुल छह शौचालयों तथा सरायकेला बाजार स्थित एक यूज एंड पे शौचालय” का हाल बेहाल हैं. गंदगी, दुर्गंध, खुले/ टूटे ढक्कन और खुले में बिखरा मल. नगर पंचायत प्रशासन के भ्रष्टाचार का पोल खोलने के लिए काफी है. और ये हालात तब हैं, जब इनकी साफ- सफाई और रख- रखाव के नाम पर हर महीने करीब एक लाख रुपये का भुगतान लिया जा रहा है.
पूछने पर कुछ प्रतिनिधि चोरी तो कभी कोई और बहाना बनाते हैं, लेकिन सरकारी संपत्ति की अगर चोरी हो रही है तो उसके लिए FIR क्यों नहीं दर्ज हो रही है, इस बात पर सभी खामोश हो जाते हैं. अभी कुछ दिनों पहले हम सभी ने वायरस जनित कोरोना का कहर देखा है, ऐसे माहौल में आम जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ की इजाजत इन्हें किसने दिया ? अगर इस गंदगी की वजह से कोई महामारी फैलती है तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा ? हर महीने साफ- सफाई के नाम पर जो सरकारी खजाने की लूट हो रही है, उन भ्रष्टाचार में डूबे लोगों पर कार्यवाई कब होगी ? उन्होंने जिले के उपायुक्त से पूरे मामले की जांच करा दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.
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सनन्द आचार्य (विधायक प्रतिनिधि)