सरायकेला: जिले में मौसम के साथ खरीफ फसल के बेहतर उत्पादन की उम्मीद की जा रही है. जिले में कृषि विभाग द्वारा इस वर्ष एक लाख हेक्टेयर में धान रोपनी का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से अब तक 95743 हेक्टेयर में धान की रोपनी हो चुकी है. यह कुल लक्ष्य का 95.76 प्रतिशत है. वहीं मक्का की बुआई भी जिले में 86 प्रतिशत किया जा चुका है. जिले में तिलहन का उत्पादन भी 55 प्रतिशत हो चुका है. वही दलहन की बुआई जिले में अब तक 62 प्रतिशत हो चुका है. इस बार जिले में खरीफ की स्थिति बेहतर नजर आ रही है. मौसम का साथ मिलने से किसान पूरी तरह से उत्साहित हैं. धान, मक्का, मोटे अनाज, तिलहन और दलहन की खेती जोर शोर से की जा रही है. खेतों में पर्याप्त पानी जमा होने के बाद धान रोपनी कार्य में सबसे अधिक तेजी आई है. वैसे बारिश के लिहाज से महत्वपूर्ण जुलाई माह कृषि व किसानों के लिए बेहतर साबित हुआ. अच्छी बारिश के कारण जिले में 95 फीसदी से ज्यादा धान की बुआई हो चुकी है, लेकिन अगस्त माह में अपेक्षा के अनुरुप बारिश नही होने से किसानो के चेहरे में शिकन है. बारिश को लेकर किसान व आमजन बहुत परेशान है. 1 अगस्त से 25 तक 116 मिमी बारिश दर्ज की गई है जबकि अगस्त का औसत बारिश 319 मिमी बारिश है. पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण तापमान में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. वातावरण में मौजूद नमी और तेज धूप के कारण लोग गर्मी से परेशान हैं. जिले में सिंचाई का पर्याप्त साधन नही होने से अधिकतर किसान वर्षा जल पर निर्भर है. किसानो का कहना है, कि जून जूलाई में अचछी बारिश होने से धान की रोपनी अच्छी हुई है, लेकिन अगस्त ने दगा देना शुरु कर दिया है. अगस्त माह में पिछले चार दिनो से वर्षा नही हुई है जिससे किसानो के चेहरे पर शिकन है. बताया जा रहा है कि अगले चार पांच दिनो तक बारिश नही होने से कई खेतों के धान के पौधे झुलस जाएंगे. जिससे किसानो को भारी नुकसान होगा. अभी खेतो में पानी सूखने लगा है, लेकिन तीन चार दिनो के अंदर पानी होने से राहत होगी.
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