सरायकेला (Pramod Singh) राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निकाय चुनावों को लेकर जारी रोस्टर को लेकर विरोध शुरू हो गया है. इसका सबसे पहला उदाहरण सरायकेला में देखा गया. जहां शनिवार को रोस्टर के विरोध में सरायकेला बाजार बंद रहा.
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बता दें कि आयोग के पंचायत आम निर्वाचन 2022- 23 में सरायकेला नगर अध्यक्ष पद अनुसूचित जनजाति महिला के लिये आरक्षित किया गया है. इसी को लेकर नगर वासियों में आक्रोश है. नगरवासियों के अनुसार सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र में सामान्य वर्ग के निवासियों की संख्या बहुत अधिक है. सामान्य वर्ग को नगर पंचायत चुनाव में प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिलना चाहिये.
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वैसे बंदी किसके कहने पर की गई इस संबंध में कोई नेता सामने नहीं आया न ही कोई जनप्रतिनिधि. हां जनप्रतिनिधियों को यह जरूर कहते सुना गया कि नगर पंचायत क्षेत्र की जनता राज्य निर्वाचन आयोग के तुगलकी फरमान से आक्रोशित हैं, इसी वजह से शनिवार को व्यवसायियों ने स्वतः ही बाज़ार बंद कर अपना विरोध जताया. वहीं कोई यह कहते सुने गए कि नगरवासियों के रोजगार की स्थिति की जांच किये बिना कभी होल्डिंग टैक्स बढ़ा दिया जा रहा है. तो कभी समाज के विभिन्न वर्ग के जनसंख्या का अनुपात देखे बिना चुनावों में प्रतिनिधित्व करने का अधिकार छीना जा रहा है. सरायकेला नगर पंचायत क्षेत्र वासियों की निरन्तर किये जा रहे उपेक्षा के विरोध में यह बन्दी रखा गया है.
बंदी में दवा व दूध की दुकानें खुली नजर आयी, जबकि अन्य सभी तरह की दुकानें, सब्जी बाजार, मछली बाजार एवं भोजन जलपान की होटलें बन्द रहीं. एक दो चाय वालो के खोमचे अवश्य खुले नजर आए. जहां चाय की चुस्कियों के साथ लोग चुनाव पर चर्चा करते नजर आए.
क्या कुछ कहना है निकाय चुनाव के रोस्टर को लेकर जनप्रतिनिधियों का आप भी सुनें
बाईट
मनोज कुमार चौधरी (नगर उपाध्यक्ष)
बाईट
सनंद आचार्य (विधायक प्रतिनिधि)
बाईट
कांग्रेसी नेता
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