सरायकेला: बीते दिनों फेसबुक पर ब्राह्मण समाज के लिए की गई अशोभनीय और अपमानजनक टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष सह भाजपा नेता मनोज कुमार चौधरी ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि भारतीय संविधान के अनुसार किसी भी संप्रदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना संवैधानिक अपराध की श्रेणी में माना गया है.
उन्होंने कहा कि सरायकेला जैसे शांतिप्रिय जगह में जाति भेद आधारित टिप्पणी करने से सरायकेला के शांतिप्रिय जगह अशांत होने का कारण बनेगी. इसे सरायकेला की जनता और इस प्रकार के कृत्य वे स्वयं कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. जिला प्रशासन द्वारा समय- समय पर सोशल मीडिया पर अंकुश लगाने की चेतावनी दी जाती रही है. क्षेत्र में अमन चैन बनी रहे इसके लिए जिला प्रशासन को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नजर बनाए रखना चाहिए, भविष्य में इस प्रकार के कृत्यों की पुनरावृत्ति ना हो इसलिए जांचोंपरांत दोषी के ऊपर कार्रवाई करें. इसके बावजूद भी यदि ऐसी घटना पर लगाम लगाने का प्रयास जिला प्रशासन की ओर से नहीं होता है तो सभी संप्रदाय आपस में बैठकर जिला प्रशासन पर दबाब बनाएंगे. उन्होंने कहा कि सरायकेला का एक- एक नागरिक व सभी संप्रदाय सरायकेला वासी के तौर पर एकजुट और एकताबद्ध है, और सरायकेला में इस प्रकार के कृत्य का कोई स्थान नहीं है.
विदित हो कि ब्राम्हणों के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी को लेकर सरायकेला नगर क्षेत्र के ब्राम्हणों में आक्रोश व्याप्त है. शनिवार को श्री परशुराम शक्ति सेना ने एक बैठक कर इसपर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. सेना के सदस्यों ने सरायकेला थाने में दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नामजद एफआईआर दर्ज कराया है. पुलिस ने 48 घंटे की मोहलत मांगी है. दरअसल विवाद एक युवती के ब्राम्हणों को लेकर किये गए विवादित पोस्ट को लेकर शुरू हुआ. जिसे सरायकेला निवासी दशरथी परीक्षा ने अपने फेसबुक हैंडल से शेयर किया. बाद में ब्राम्हणों की प्रतिक्रिया आने पर पोस्ट को हटा लिया गया. मगर परीक्षा के पोस्ट के बाद ब्राम्हणों में आक्रोश व्याप्त है. ब्राम्हणों की नजर पुलिस की कार्रवाई पार्ट टिकी है. वहीं श्री परशुराम शक्ति सेना ने साफ कर दिया है कि किसी कीमत पर समाज का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने 48 घंटे बाद उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.