सरायकेला: जिला मुख्यालय एवं आसपास के गांवों के ग्रामीणों को इस भीषण गर्मी में बिना ठोस कारण के बिजली की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. बिजली नहीं रहने के कारण पठन- पाठन, घरेलू काम, व्यापार एवं पीने की पानी की भी भारी समस्या हो रही है. इसको लेकर सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने उपायुक्त को एक मांग पत्र सौंपते हुए विभागीय लापरवाही की ओर ध्यान आकृष्ट कराया और दोषी कर्मियों एवं अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की.


उन्होंने बताया कि बिजली कटौती की मुख्य वजह विभागीय अभियंताओं की लापरवाही एवं गैरजिम्मेदाराना कार्य है, क्योंकि केंद्र सरकार और राज्य सरकार निर्बाध एवं पर्याप्त विद्युत आपूर्ति मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है एवं एक अंतराल के बीच शहरी एवं ग्रामीण विद्युत सुदृढ़ीकरण के लिए राशि भी उपलब्ध कराती आ रही है परंतु विभागीय अभियंताओं की लापरवाही एवं गैरजिम्मेदाराना हरकतों के चलते क्षेत्र के लाखों उपभोक्ता भरी गर्मी में परेशानी उठाने के लिए मजबूर हैं. बिजली विभाग द्वारा पिछले पांच वर्षों से शहरी एवं ग्रामीण विद्युत सुदृढ़ीकरण का काम कछुआ गति से कर रहा है जिसमें निर्बाध एवं पर्याप्त बिजली आपूर्ति हेतु पूरे शहर में इंसुलेटेड वायर, हाई क्वालिटी के इंसुलेटर, नई तकनीक के बने ट्रांसफार्मर, एबी स्वीच एवं संबंधित आवश्यक उपकरण लगाना था, परंतु आज तक बिजली वितरण की प्रक्रिया में कोई सुधार नहीं हो पाया एवं बिजली आपूर्ति बद से बदतर अवस्था में पहुंच चुकी है, जो सदियों पुराने ढर्रे पर चल रही है. थोड़ी सी हवा, आंधी या मौसम बिगड़ता है तो घंटों बिजली गायब रहती है. निर्बाध बिजली उपलब्ध कराना आवश्यक सेवाओं की श्रेणी में आता है परंतु बिजली विभाग के लापरवाह अभियंताओं के कारण सरायकेला नगर एवं गांवों में बिजली कटौती एक बड़ी समस्या बन चुकी है. बिजली कटौती से जहां एक ओर आम जन जीवन अस्त- व्यस्त होता है, वही पेयजल की भी भारी असुविधा जनता को झेलनी पड़ रही है. बड़े अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि आज विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है, पर सरायकेला बिजली विभाग सदियों पुराने ढर्रे पर चल रहा है. पुराने ट्रांसफार्मर, पुराने जर्जर तार, टूटे- फूटे पोल और एक जगह कई- कई मुंह चिढ़ाते पोल और आज भी कई मोहल्ले में बांस की बल्लियों के सहारे विद्युत लाइन चल रही है. आज भी एक छोटा सा फोल्ट होने पर सरायकेला नगर और आसपास के सभी गांवों की लाइन काटकर छोटी सी समस्या का निदान करने के लिए हजारों परिवारों को परेशानी में डाला जाता है. इस संबंध में व्यापक सुधार के लिए कार्यपालक अभियंता सहायक अभियंता से कई स्तर की वार्ता, आंदोलन एवं पत्राचार भी किया गया परंतु नतीजा सिफ़र रहा. अब बिजली की समस्या बर्दाश्त से बाहर हो चुकी है. उन्होंने कहा कि बिजली कटौती की समस्या एवं विद्युत विभाग के अभियंताओं का इसी प्रकार गैर जिम्मेदाराना रवैया रहा तो हम लोगों को जोरदार तरीके से आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा. इसकी प्रतिलिपि उन्होंने ऊर्जा विभाग के सचिव और जेवीएनल के कार्यपालक अभियंता को भी भेजी है.
