सरायकेला (Pramod Singh) सरायकेला मंडल कारा में जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा जेल अदालत सह विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया. जेल अदालत में कई बंदियों द्वारा दिए गए आवेदन में 23 मामलों पर विचार किया गया.
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रविवार के जेल अदालत में तीन मामलों का निष्पादन हुआ व पांच अभियुक्त मुक्त हुए. इसमें से दो मामले मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी व एक मामला अमित आकाश सिन्हा, न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय से निष्पादित किया गया. सुधारगृह के बंदियों को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव ने उन्हें सुधार गृह में आत्ममंथन करने की बात कही.
उन्होंने कहा कि इंसान कोई अच्छा या बुरा नहीं होता, उसके अंदर का गुण या अवगुण उसकी अच्छाई और बुराई को बताता है. इस दौरान सचिव ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 436 ए, प्ली बारगेनिंग और विभिन्न अन्य कानूनों के बारे में भी जानकारी दी. साथ ही विधिक सेवाओं के बारे में भी उनके द्वारा जानकारी दी गई. उन्होंने यह भी बताया गया कि कोई कैदी जो गरीब है, महिला, अनुसूचित जाति जनजाति के लोग अपने मुकदमे को लड़ने के लिए बिल्कुल नि:शुल्क वकील और अन्य विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं. मौके पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मंजू कुमारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कुमार क्रांति प्रसाद, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी अमित आकाश सिन्हा, सहायक अभियोजन अधिकारी प्रवीण कुमार सिंह, स्थानीय कारा अधीक्षक हिमानी प्रिया, न्यायालय के कर्मी, कारागार के कर्मी और सुधारगृह के बंदी उपस्थित थे.
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