सरायकेला: राज्य सरकार के निर्देश पर सभी जिलों में लगातार बढ़ते कुष्ठ रोगियों की संख्या को देखते हुए सभी 24 जिलों में 14 जून से “कुष्ठ रोग खोज अभियान” पखवाड़ा चलाया जा रहा है. यह अभियान 28 जून तक चलेगा. इसके तहत लेप्रोसी मिशन से स्वाथ्य कर्मी, सहिया दीदी एवं आंगनबाड़ी सेविकाएं अपने- अपने क्षेत्र के घर- घर जाकर लोगों की जांच करेंगे और वैसे मरीज जिनके शरीर के किसी भाग के चमड़े में शून्यता होगी उन्हें चिन्हित कर उसकी जांच करेंगे. साथ ही जरूरी दवाइयां भी देंगे.
इधर गम्हरिया प्रखंड में भी इस अभियान की शुरुआत हुई है. एमपीडब्ल्यू दीपक कुमार के नेतृत्व में मिशन से जुड़े स्वास्थ्य कर्मी, सहिया दीदियां व आंगनबाड़ी सेविकाएं घर- घर जाकर मरीजों का जांच कर रहे हैं. श्री कुमार ने बताया कि राज्य सरकार राज्य में बढ़ते कुष्ठ रोगियों को लेकर चिंतित है. यही वजह है कि समूचे राज्य में “कुष्ठ रोग खोज अभियान” पखवाड़े के तहत 28 जून तक लेप्रोसी मिशन से जुड़े स्वास्थ्यकर्मी घर- घर जाकर कुष्ठ रोगियों की पहचान करेंगे. साथ ही जरूरी उपचार भी करेंगे. उन्होंने बताया कि कुष्ठ लाइलाज नहीं है. समय रहते इसका उपचार और नियमित दवाइयों के सेवन से यह बीमारी समाप्त हो सकती है. उन्होंने कहा लोग लोक- लज्जा और सामाजिक ताना- बाना के डर से इस बीमारी को छिपाते हैं, जो बाद में आगे चलकर लाइलाज हो जाता है. उन्होंने हर वैसे व्यक्ति से खुलकर सामने आने की अपील की जिनके शरीर के किसी भी भाग के चमड़े में शून्यता का अहसास लंबे समय से महसूस हो रहा है. समय रहते इसका ईलाज शुरू होने पर इसके रोगी ठीक हो सकते हैं. उन्होंने कहा जागरूकता के अभाव में जिले में भी कुष्ठ रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है.