सरायकेला: “गणपति ओपेरा” की ओर से नाट्य मंचन के लिए एक बैठक बुलाई गई. उक्त बैठक में विशेष रुप से गणपति ओपेरा के वयोवृद्ध एवं विशिष्ट कलाकारों को जिन्होंने गणपति ओपेरा की शुरुआत की थी और उन्हें विशेष पहचान दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी ऐसे सभी कलाकारों को आमंत्रित किया गया था. बैठक का उद्देश्य उड़िया नाट्य मंचन के माध्यम से किस प्रकार से उड़िया भाषा और संस्कृति को बचाया जाए और उसे और अधिक विकसित किया जाए. ओड़िया नाटक के माध्यम से उड़िया भाषा और संस्कृति को बचाना इसका मुख्य उद्देश्य था. इस अवसर पर आमंत्रित विशिष्ट कलाकारों ने बताया कि गणपति ओपेरा की शुरुआत सन 1976 ईस्वी में हुई थी. आमंत्रित सभी विशिष्ट कलाकारों ने अपने अपने विचार प्रस्तुत किए और सभी ने नाटक मंचन के माध्यम से उड़िया भाषा संस्कृति के प्रति जन जागरण फैलाने की बातों को प्राथमिकता दी. बैठक की अध्यक्षता शश राम कवि ने की. उन्होंने इसके लिए गणपति ओपेरा के सभी कलाकारों को धन्यवाद देकर उन्होंने आज के समय में भी उड़िया नाट्य मंचन के बारे में अपना बहुमूल्य समय दे रहे हैं और उड़िया भाषा को बढ़ाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. बैठक में गणपति ओपेरा के तपन पट्टनायक, बद्रीनारायण दारोगा, वरुण साहू व दीपक दारोघा समेत सभी कलाकार मौजूद थे.
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