सरायकेलाः सरायकेला- खरसावां जिले में जमीन माफियाओं की चांदी कट रही है. जमीन माफियाओं की दलाली इतनी बढ़ गई है, कि वे सार्वजनिक जमीन पर भी अपना हाथ साफ करने की जुगत में हैं.
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मामला उस समय प्रकाश में आया जब अंजुमन इस्लामिया कमेटी राजबांध के 23 डिसमिल रैयती जमीन को सड़क निर्माण के लिए विभाग द्वारा अधिग्रहण किया गया है परंतु मुआवजा भुगतान में देरी हुई. और काम रोक दिया गया. बताया कि जमीन माफिया के हस्तक्षेप से रैयतदार को मुआवजा राशि नहीं मिला जिसकी वजह से काम रोका गया है.
राजबंध मोहल्ले सेे सटकर (सर्किट हाउस एरिया) राजनगर मुख्य सड़क को जोड़नेे वाली बाईपास सड़क का कार्य युद्ध स्तर से जारी है. सड़क के निर्माण के लिए अंजुमन इस्लामिया कमेटी के कुल रकबा 57 डिसमिल जमीन (खाता संख्या 4 प्लॉट संख्या 34) मेें से 23 डिसमिल जमीन विभाग द्वारा सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहण किया गया है. मुआवजा राशि की भुगतान को लेकर अंजुमन इस्लामिया कमेटी को केवल आश्वासन ही मिल रहा है. आश्वासन से तंग आकर शनिवार को कमेटी के सचिव जहांगीर आलम के नेतृत्वव में अन्य सदस्यों ने सड़क निर्माण कार्यय को रोक दिया, साथ ही चेतावनी दिया कि जब तक मुआवजा राशि नहीं मिल जाती तब तक काम करने नहीं दिया जाएगा. वहीं कमेटी के सदस्यों ने सड़क पर लाल झंडा गाड़ दिया है.
सचिव ने बताया कि नगर के एक जमीन माफिया द्वारा उसी जमीन में से 23 डिसमिल जमीन को अपने नाम का रजिस्ट्री भी कराया है, म्यूटेशन कराने की बात आई तो अंचल द्वारा उसका म्यूटेशन रद्द किया गया है. उन्होंने बताया कि सरकारी रिकॉर्ड पंजी-2 में कुल 57 डिसमिल जमीन अभी भी अंजुमन इस्लामिया कमेटी के नाम से है इसके बावजूद भी जमीन दलाल सरकारी विभाग का चक्कर काटकर पदाधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं. जहांगीर आलम ने बताया कि जमीन दलाल 2002 में गलत तरीके से रजिष्ट्री करा लिया था लेकिन अंचल कार्यालय ने म्युटेशन को रद्द कर दिया था, मगर वह अभी भी पैसे के बल पर जमीन हथियाने पर तुला हुआ है.
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