सरायकेला: सरायकेला को खरसावां से जोड़ने वाले संजय नदी पर पथ निर्माण विभाग द्वारा बनाया गया 120 मीटर लंबा उच्च स्तरीय पुल बीते 10 वर्षों से तैयार है, लेकिन एप्रोच रोड न बनने के कारण इसका उपयोग आम जनता नहीं कर पा रही है. खरसावां, कुचाई और दालभंगा के निवासियों के लिए यह पुल अत्यंत आवश्यक है, लेकिन फिलहाल उन्हें एक अस्थायी पुल के सहारे सफर करना पड़ रहा है, जो बारिश के दिनों में जलमग्न होकर मार्ग अवरुद्ध कर देता है.

जनहित याचिका पर हाईकोर्ट का संज्ञान
झारखंड लीगल एडवाइजरी एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (जलाडो) ने इस गंभीर समस्या को लेकर 23 नवंबर 2023 को झारखंड के मुख्य सचिव, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव समेत सभी संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर एप्रोच रोड के शीघ्र निर्माण की मांग की थी। लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर जलाडो के अध्यक्ष एवं अधिवक्ता ओम प्रकाश द्वारा झारखंड उच्च न्यायालय, रांची में जुलाई 2024 में जनहित याचिका दायर की गई.
इस याचिका पर 4 मार्च 2025 को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस. रामचंद्र राव एवं न्यायमूर्ति दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए सरकार को एक सप्ताह के भीतर नोटिस जारी करने और प्रत्युत्तर दाखिल करने का आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 6 मई 2025 को होगी.
आम नागरिकों को हो रही परेशानी
इस पुल के एप्रोच रोड के अभाव में प्रतिदिन सरायकेला सिविल कोर्ट आने-जाने वाले 25- 30 अधिवक्ता और कई वादकारी भारी परेशानी झेल रहे हैं. बारिश के दिनों में जब कॉजवे जलमग्न हो जाता है, तो सरायकेला जिला मुख्यालय का खरसावां से संपर्क पूरी तरह टूट जाता है. बीमार व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने में भी कठिनाई होती है, जिससे कई बार गंभीर हालात उत्पन्न हो जाते हैं.
