सरायकेला जिले के आदित्यपुर नगर निगम वार्ड 17 के लोगों की नाराजगी बढ़ती जा रही है. सोमवार को क्षेत्र के लोगों ने एक बैठक कर नगर निगम के खिलाफ जमकर भड़ास निकाला. वैसे यहां के लोगों ने सोमवार को सड़क जाम करने का ऐलान किया था, लेकिन प्रशासनिक अनुमति नहीं मिलने के कारण सड़क जान इनके द्वारा नहीं किया गया.
दरअसल विगत 6 महीने से वार्ड 17 की सड़कें नर्क के द्वार के रूप में तब्दील हो चुकी है. सीवरेज- ड्रेनेज और विद्युतीकरण एवं गैस लाइन के लिए खोदे गए गड्ढे इंस्टॉल नहीं किए जाने के कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. आए दिन सड़क पर गिरकर राहगीर दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. इसको लेकर कई बार लोगों ने विरोध भी जताया है.
अंबुज पांडेय (पूर्व पार्षद)
Visual
स्थानीय
पिछले दिनों जिले के उपायुक्त ने क्षेत्र का मुआयना कर जल्द से जल्द संवेदको को स्थिति सुधारने का निर्देश दिया था, बावजूद इसके स्थिति जस की तस बनी हुई है. इधर धीरे-धीरे लोग अब आक्रोशित हो रहे हैं. स्थानीय पार्षद लाचार- बेबस क्षेत्र की जनता की समस्याओं को लेकर हर संभव प्रयास कर रही है, मगर नतीजा अब तक सिफर ही रहा है. लोग क्षेत्र की दुर्दशा के लिए पार्षद को जिम्मेदार मान रहे हैं, जबकि सारी शक्तियां नगर निगम के अपर नगर आयुक्त एवं जिला प्रशासन के हाथों चली गई है. यहां तक, कि मेयर और डिप्टी मेयर भी आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र की समस्याओं पर चुप्पी साधे रखे हैं. क्षेत्र की जनता में इसको लेकर भी नाराजगी देखी गई और जमकर मेयर और डिप्टी मेयर के खिलाफ नारेबाजी की.
नीतू शर्मा (पार्षद)
पार्षद नीतू शर्मा के अनुसार विकास कार्य को लेकर ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है. संवेदको को बुलाकर उनसे बात की गई है, उन्होंने भरोसा दिलाया है, कि जल्द से जल्द सारी समस्याओं का निदान कर दिया जाएगा. वहीं स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाते हुए प्रशासन से जांच कराए जाने की मांग की है.
Exploring world