सरायकेला (Pramod Singh) : सरकार द्वारा निकाली गई सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली को त्रुटिपूर्ण बताते हुए जिले के जेटेट पास सहायक अध्यापकों ने बुधवार को काला बिल्ला लगाकर अध्यापन कार्य किया. झारखंड राज्य जेटेट सफल सहायक अध्यापक समन्वय समिति के आह्वान पर चरणबद्ध आंदोलन के तहत बुधवार को जेटेट पास सहायक अध्यापकों द्वारा काला बिल्ला लगाकर विद्यालय में अध्यापन कार्य करते हुए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा जारी किए गए विज्ञापन में आवेदन नहीं भरने का ऐलान किया गया.
इस संबंध में जानकारी देते हुए झारखंड राज्य जेटेट सफल सहायक अध्यापक समन्वय समिति के जिलाध्यक्ष बादल सिंह सरदार, अतुल चंद्र महतो एवं उपाध्यक्ष तिलक प्रसाद महतो ने बताया कि सत्ता के नशे में चूर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं. एक तरफ अल्पसंख्यक विद्यालयों में विना शिक्षक पात्रता परीक्षा और बिना मुख्य परीक्षा के सीधे 4200 ग्रेड पे और 4600 ग्रेड पे देकर मनमानी ढंग से नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा है. और दूसरी और राज्य के 14042 जेटेट पास पारा शिक्षक जो पिछले 20 सालों से सरकार के विद्यालयों में पढ़ाते आ रहे हैं और एनईपी एवं एनसीटीई की अर्हता को भी पूरा करते हैं. उनके लिए कठिन परीक्षा के साथ सबसे लो ग्रेड 24 और 28 ग्रेड पे के वेतनमान पर 9 घंटे की परीक्षा के लिए नियुक्ति का विज्ञापन निकाला जा रहा है.
उन्होंने कहा है कि सभी अहर्ता पूरी कर रहे जेटेट पास सहायक अध्यापकों को सीधे वेतनमान दे अन्यथा उग्र आंदोलन की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वादाखिलाफी की है। 2019 के विधानसभा चुनाव में प्रत्येक चुनावी भाषा में मात्र 3 महीने में पारा शिक्षकों को वेतनमान देने का वादा करने वाले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन साढ़े 3 साल बाद मनमाने तरीके से बेहद त्रुटि पूर्ण सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली के तहत विज्ञापन निकालकर जेटेट पास सहायक अध्यापकों के भविष्य के साथ गंदा मजाक कर रहे हैं. प्रदेश समिति के आह्वान पर उन्होंने कहा है कि सरकार जेटेट पास सहायक अध्यापकों के धैर्य की परीक्षा नहीं ले. अन्यथा झारखंड के इतिहास में सबसे बड़ा आंदोलन किया जाएगा.