सरायकेला: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के नामांकन की तिथि शुक्रवार को समाप्त हो रही है. पहले चरण के लगभग सभी दलों के प्रत्याशियों के नामांकन या तो हो चुकी है या होने वाली है. इधर झारखंड के सबसे हॉट सीट सरायकेला विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अब तक प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है. इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि भाजपा छोड़ झामुमो में शामिल हुए गणेश महाली टिकट लेने में कामयाब हुए हैं, हालांकि पार्टी की ओर से इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. मगर गणेश महाली के समर्थक उत्साहित हैं.
इसकी एक बानगी बुधवार को देखने को मिली. जहां गणेश महाली खरसावां विधायक दशरथ गागराई के नामांकन में पहुंचे और दशरथ गागराई उनके सारथी बने. जो दर्शाता है कि अंदर ही अंदर खेला हो गया है. उधर पार्टी आलाकमान ने जिले के तमाम पदाधिकारियों को रांची तलब किया है. जहां गुप्तगू चल रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कि विक्षुब्धों को समझाने को लेकर मंत्रणा चल रही है.
छले गए कृष्णा- भुगलू
इधर चंपाई के पार्टी छोड़कर जाने के बाद युवा नेता कृष्णा बास्के और भुगलू उर्फ डब्बा सोरेन ने जमीनी कार्यकर्ताओं को एकजुट कर उन्हें नेतृत्व देने का भरोसा दिलाया. दोनों ही युवा नेताओं को ऐसा लग रहा था कि पार्टी आलाकमान पार्टी के अंदर के नेता को तरजीह देंगे, मगर आलाकमान ने पैराशूट प्रत्याशी पर भरोसा जताया और भाजपा छोड़ जेएमएम में शामिल हुए गणेश महाली पर दांव लगा दिया. वैसे इस रेस में भाजपा के एक और बागी वास्को बेसरा भी थे,.मगर गणेश उनपर भारी पड़े. वहीं कृष्णा बास्के और भुगलू सोरेन के उम्मीद पर पार्टी आलाकमान ने पानी फेर दिया है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि कृष्णा और भुगलू गणेश के समर्थन में कितना पसीना बहाते हैं.
नहीं काम आया झामुमो नेताओं का विरोध
बता दे कि प्रत्याशी घोषित नहीं किए जाने और पैराशूट प्रत्याशी उतारे जाने की संभावना को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के जमीनी नेताओं ने बुधवार को कांड्रा में जोरदार विरोध प्रदर्शन भी किया था. बावजूद इसके पार्टी आलाकमान ने जमीनी कार्यकर्ताओं को तरजीह ना देते हुए गणेश वंदना को स्वीकार कर लिया. वैसे सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी यदि सही होती है तो गणेश तीसरी बार कुदरा भूत के स्वामी चंपाई के सामने होंगे. इसबार कुदरा का जादू चलेगा या नहीं यह भी देखना दिलचस्प होगा.