कांड्रा/ Bipin Varshney आम नागरिक यदि सरकारी नियमों की अनदेखी करे तो सरकारी मशीनरी उसे इतना प्रताड़ित करती है जिससे नागरिक पूरी तरह से टूट जाता है. कई मामलों में तो उन्हें भारी- भरकम जुर्माना और जेल की हवा तक खानी पड़ती है, मगर वही गलती यदि सरकारी विभाग करे तो उसपर नीचे से लेकर ऊपर तक की मशीनरी बचाने में जुट जाती है. ऐसा ही एक मामला गुरुवार को सामने आया. जहां बिजली विभाग द्वारा सरकारी सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर दिन के उजाले में गम्हरिया ग्रिड से कोलाबिरा स्थित आरकेएफएल प्लांट में पावर सप्लाई के लिए 33 केवी लाइन को ले जाया जा रहा था.


जहां विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में पॉवर ले जाने के कार्यों में गैस कटिंग के लिए घरेलू गैस का उपयोग करते देखा गया जो सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा तो है ही साथ ही सरकारी नियमों का खुला उल्लंघन भी. इसी बिजली विभाग के बिजली को यदि कोई उपभोक्ता नियमों से अलग हटकर यदि चोरी करते पकड़ा जाए तो उसके खिलाफ विभाग क्या एक्शन लेता है यह किसी से छिपा नहीं है.
कमर्शियल निर्माण कार्यों में घरेलू गैस का उपयोग करने वाले मजदूरों और ठेकेदारों द्वारा नियमों की खुलेआम अनदेखी की गयी और इसपर विभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साधे रखा. जब हमारी टीम ने संबंधित अधिकारियों का पक्ष जानना चाहा तो पहली बार में तो अनभिज्ञता जाहिर की दूसरी बार फोन उठाना भी जरूरी नहीं समझा.
सुरक्षा के लिए खतरा
गैस कटिंग में घरेलू गैस का उपयोग करने से न केवल मजदूरों की सुरक्षा को खतरा है, बल्कि आसपास के लोगों और संपत्ति को भी खतरा हो सकता है. स्थानीय लोगों और सुरक्षा विशेषज्ञों ने प्रशासन से मांग की है कि वह इस मामले में कड़े कदम उठाए और घरेलू गैस के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई करे. मगर यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकारी डंडा सरकारी तंत्र पर चलता है ?
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