आदित्यपुर: खतियानी आंदोलन को लेकर नायक के रूप में उभरे जेबीकेएसएस सुप्रीमो जयराम महतो की साख पर सरायकेला जेबीकेएसएस के उन्मादी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बट्टा लगा दिया है. जेबीकेएसएस के उन्मादी नेता और कार्यकर्ता ये भूल गए हैं कि वे भारत देश के नागरिक हैं और यहां कानून से ऊपर कोई नहीं है. ये आंदोलन और हिंसा की परिभाषा भूल रहे हैं. यही वजह है कि जयराम महतो की अपने ही कार्यकर्ताओं और नेताओं की वजह से अब फजीहत होने लगी है. आदित्यपुर के हथियाडीह प्रकरण में जेबीकेएसएस नेता प्रेम मार्डी सहित 21 भोले- भाले ग्रामीण आज सलाखों के पीछे किसकी वजह से हैं इसपर जेबीकेएसएस थिंक टैंक मंथन करे.
क्या है हथियाडीह प्रकरण और क्यों फंसे प्रेम मार्डी के साथ ग्रामीण ! क्यों हो रही जयराम महतो की फजीहत ?
दरअसल प्रेम मार्डी और तरुण महतो हथियाडीह में निर्माधीन जमना ऑटो के विरोध में लगातार ग्रामीणों की आड़ में आंदोलन को लीड कर रहे थे. जबकि 13 एकड़ आवंटित जमीन में से जिला प्रशासन और मंत्री चंपाई सोरेन के निर्देश पर जमना ऑटो ने करीब डेढ़ एकड़ जमीन खेल के मैदान और रोड के लिए छोड़ दिया. कंपनी प्रबंधन ने सड़क की जद में आ रहे ग्रामीणों का सीमांकन के साथ शौचालय तक बनाकर दिया. इसके अलावा कंपनी में स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का लिखित आश्वासन भी दिया है, बावजूद इसके बात- बात पर ग्रामीणों को उकसाकर कंपनी के निर्माण कार्य में जेबीकेएसएस के नेता और कार्यकर्ता बाधक बनते जा रहे थे. यहां तक कि पिछले दिनों निर्माधीन नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज अस्पताल में घुसकर गार्ड और आधा दर्जन मजदूरों की बेरहमी से पिटाई कर डाली. वो भी पुलिस की मौजूदगी में. यहां आरोप था कि निर्माधीन अस्पताल के मजदूरों ने बेहुला देवी नामक महिला के साथ छेड़खानी की थी, जब बेहुला देवी मजदूरों को ढूंढने परिसर में अंदर प्रवेश करने पहुंची तब गार्ड ने उन्हें रोक दिया. बेहुला देवी ने इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी, ग्रामीण हरवे- हथियार के साथ परिसर में प्रवेश कर गए और जो मिला उसकी पिटाई शुरू कर दी. यहां गौर करने वाली बात ये है कि घायलों में से एक भी शक्स वो नहीं था जिसने बेहुला देवी के साथ छेड़खानी की थी. बावजूद इसके ग्रामीणों ने पुलिस- प्रशासन की मौजूदगी में पूरी रात तांडव मचाया. यहां जेबीकेएसएस नेता प्रेम मार्डी और तरुण महतो के साथ दर्जन भर जेबीकेएसएस के नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे. इससे पूर्व दिन में इन्होंने जमना ऑटो के बाउंड्री वॉल को तोड़ते हुए काम बंद करा दिया था. दोनों जगहों पर एक ही चेहरा नजर आ रहा था. बार- बार प्रशासन को ये चुनौती दे रहे थे. बीते रविवार की रात से ये हिंसक रुख अख्तियार करते चले जा रहे थे और प्रशासन को खुली चुनौती देते जा रहे थे. बुधवार को प्रशासन ने सख्त कदम उठाया और 11 महिलाओं व दस पुरुषों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इनके साथ प्रेम मार्डी को भी गिरफ्तार कर लिया. जबकि तरुण महतो अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. प्रेम मार्डी ने बताया कि उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है. उन्हें इसका तनिक भी आभास नहीं था कि ग्रामीण नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हिंसक रूप अपनाएंगे. तो कौन था जो जेबीकेएसएस नेताओं को फंसाने की नीयत से ग्रामीणों को हिंसा पर मजबूर किया इसपर जेबीकेएसएस थिंक टैंक मंथन करे.
वैसे इस पूरे घटनाक्रम में निरीह ग्रामीण बुरी तरह से फंस चुके हैं. इतनी जल्दी न तो प्रेम मार्डी की रिहाई संभव है न ही ग्रामीणों की. प्रेम मार्डी सक्षम हैं, मगर डेली कमाने- खाने वाले ग्रामीणों का बेल कैसे होगा और कौन उन्हें जेल से छुड़ाएगा, ये गम्भीर विषय है इसपर जेबीकेएसएस थिंक टैंक मंथन करें. ग्रामीण जेबीकेएसएस के नेताओं में जयराम की छवि देख रहे थे, मगर अति आत्मविश्वास और गैर संवैधानिक प्रक्रिया अपनाकर जेबीकेएसएस के नेताओं और उन्मादी कार्यकर्ताओं ने न केवल अपने सुप्रीमो जयराम महतो की छवि खराब की बल्कि निरीह ग्रामीणों को कानूनी दांव- पेंच में भी फंसा दिया. इसकी एक बानगी उस वक्त देखने को मिली जब गुरुवार को प्रशासन से वार्ता के बाद लौटे जेबीकेएसएस के प्रतिनिधिमंडल से ग्रामीणों ने अपने परिजनों के रिहाई पर सवाल पूछे, जिसपर वे निरुत्तर हो गए.