सरायकेला : झारखंड के कल्याण एवं परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने राज्य के पर्यटन, कला संस्कृति, खेल-कूद और युवा कार्य विभाग मंत्री हफीजुल हसन को पत्र लिखकर सरायकेला में एक छऊ कला सांस्कृतिक अकादमी की स्थापना के लिए आवश्यक कार्यवाही करने की बात कही है. अपने पत्र में उन्होंने कहा है कि सरायकेला का छऊ नृत्य कला एक प्राचीन सांस्कृतिक परंपरा है. यह नृत्य केवल अस्थाई मनोरंजन के लिए बनाई गई नाट्यकला नहीं है, बल्कि इसका आंतरिक उद्देश्य समग्र विकास जैसे सामाजिक उत्थान, स्वास्थ्य, जीवन, सांस्कृतिक परंपरा एवं खासकर झारखंड राज्य का प्राचीनतम धरोहर है. इसे बचाना संपूर्ण मानव सभ्यता का दायित्व है. जो मनुष्य के प्राचीनतम जीवन जीने की कला को दर्शाता है.
श्री सोरेन ने कहा है कि इसका वास्तविक संरक्षण और सर्वांगीण विकास के लिए एक छऊ अकादमी की स्थापना आवश्यक है. जिसके लिए उन्होंने सरायकेला में एक छऊ कला सांस्कृतिक अकादमी की स्थापना करने की बात कही है. छऊ कलाकारों की आवाज सरकार तक पहुंचाने में सरायकेला विधायक प्रतिनिधि सनंद आचार्य की पहल है. मंत्री चंपई सोरेन के पहल पर, झारखंड सरकार के कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा सरायकेला छऊ को नई ऊंचाई देने के लिए रांची में शनिवार से तीन दिवसीय व्याख्यान सह प्रदर्शन होने जा रहा है, जिसमें इस कला को शास्त्रीय कला के रूप में मान्यता दिलवाने के लिए विचार विमर्श होगा.
सरायकेला कला नगरी में छऊ कलाकारों को अब मिलेगा सम्मान
सरायकेला विधानसभा के विधायक प्रतिनिधि सनंद आचार्य ने कहा कि जल्द ही सरायकेला को छऊ कला सांस्कृतिक अकादमी का तोहफा मिलने वाला है. इसके लिए मंत्री चंपई सोरेन ने पहल शुरू कर दी है. छऊ कलाकारों की पुरानी मांग पूरी होने वाली है.