गम्हरिया: गुरुवार को सरायकेला जिले के गम्हरिया प्रखंड के सांपडा स्थित खरकई नदी से अवैध बालू खनन की जांच करने सरायकेला और चांडिल एसडीओ पूरे लाव- लश्कर के साथ पहुंचे. इस दौरान उनके साथ जिला खनन पदाधिकारी, गम्हरिया अंचलाधिकारी, रेंजर कपाली और आदित्यपुर के थाना प्रभारी भी मौजूद रहे. हालांकि प्रशासनिक रेड की भनक खनन माफियाओं को लग चुकी थी यही कारण था कि टीम के हाथ कुछ भी नहीं लगा. हां खनन से सम्बंधित सबूत प्रशासनिक अधिकारियों को जरूर मिला और टीम ने सबूतों को जप्त कर खानापूर्ति कर ली.
अब सवाल ये उठता है कि खनन माफियाओं को इसकी भनक कैसे लगी ? जबकि 24 घंटे यहां से बालू खनन होते हैं, जिसके सबूत भी टीम को मिले. टीम ने नदी से करीब 5 दर्जन डोंगा जप्त किया है, इस डोंगा के जरिये बालू माफिया नदी से बालू खनन करवाते हैं. जबकि इस विधि से खनन करने काफी रिस्की होता है जिससे जान जाने का खतरा बना रहता है. वैसे जिला प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेने का दावा किया है, और खनन माफियाओं के खिलाफ एक्शन प्लान तैयार कर कार्रवाई करने का दावा किया है. बता दें कि यह कोई पहला मौका नहीं है, जब सापड़ा घाट पर प्रशासनिक छापेमारी हुई है. इससे पूर्व भी कई बार छापेमारी हो चुकी है. कई बार अवैध बालू निकासी करते ट्रैक्टरों को जप्त भी किया गया है. मगर हर बार 2- 4 दिनों के लिए बालू माफिया भूमिगत हो जाते हैं, जैसे ही मामला शांत पड़ता है, माफिया फिर से सक्रिय हो जाते हैं, और दुगनी ऊर्जा के साथ बालू खनन में जुट जाते हैं. अब इसके पीछे कौन है, यह बताना संभव नहीं. हालांकि छापेमारी के दौरान आसपास के लोगों को यह भी कहते सुना गया, कि यह छापेमारी महज एक आईवॉश है. सुबह के वक्त निर्बाध रूप से खनन चल रहा था. अचानक सभी ट्रैक्टर और मजदूर गायब हो गए. इसका मतलब साफ है, कि प्रशासनिक कार्यवाई की सूचना खनन माफियाओं को लग चुकी थी.