सरायकेला (Pramod Singh) थाना क्षेत्र में अवैध बालू के कारोबारियों के खिलाफ अभियान का असर दिखने लगा है. जहां बीती रात सीओ ने गम्हरिया प्रखंड के टेंटोपोसी और शत्रुशाल से दो ट्रैक्टरों को चालक सहित अवैध बालू परिवहन करते दबोचा है, जिसे सरायकेला थाने के हवाले कर दिया है.
एक ट्रैक्टर बगैर नम्बर का है, जबकि एक ट्रैक्टर का नम्बर JH 22 F- 2372 है. हालांकि अबतक एएफईआर दर्ज नहीं किया गया है. बता दें कि तीन दिन पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा पर चाईबासा रोड में अवैध बालू ले जा रहे ट्रैक्टर चढ़ाने के मामले में भी अबतक खनन विभाग की ओर से किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जिसको लेकर खनन विभाग की कार्यशैली सवालों के घेरे में है.
इधर दो दिन पूर्व थाना प्रभारी और सीओ के संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गए बालू लदे ट्रैक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है, जिसको लेकर ट्रैक्टर चालकों ने पक्षपात का आरोप लगाया है. ट्रैक्टर चालकों के अनुसार पुलिस- प्रशासन और खनन विभाग माफियाओं के दबाव में काम कर रही है. जो चढ़ावा दे रहा है उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ रहा है, जो चढ़ावा देने से मना कर रहा है उनकी गाड़ियों को पकड़ा जा रहा है.
बता दें कि राज्य में एनजीटी कानून के प्रभावी होने के बाद भी अवैध बालू खनन धड़ल्ले से जारी है. जिला स्तरीय टास्क फोर्स की निष्क्रियता इसी से समझी जा सकती है कि पिछले एक हफ्ते में ही बालू के अवैध खनन से सम्बंधित तिरुलडीह, ईचागढ़, कांड्रा और सरायकेला के कई प्रमाण हमने अपने वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध कराए, बावजूद इसके खनन विभाग ने गंभीरता नहीं दिखाई, न ही टास्क फोर्स सक्रिय हुई. इससे साफ होता है कि बालू माफिया और प्रशासन के बीच सांठगांठ हो गया है और पाबंदी के नाम पर बालू माफिया आम जनता से तीन गुणा से भी अधिक राशि वसूल रहे हैं, जबकि दोनों मिलकर सरकार को राजस्व का चूना लगा रहे हैं.
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