ईचागढ़: सरायकेला जिले के एसपी के आनंद प्रकाश के निर्देश पर सोमवार की रात ईचागढ़ पुलिस ने थाना क्षेत्र के टीकर के एक किराए के मकान में छापेमारी कर भारी मात्रा में दवाइयां जप्त की है. उक्त दवाइयों से सम्बंधित वैद्य कागजात न दिखा पाने के बाद पुलिस सभी दवाइयों को जप्त कर अपने साथ थाने ले गयी है. साथ ही चार युवकों से पूछताछ कर डायरी, आईकार्ड और उनके मोबाइल जप्त किए हैं.
बता दें कि एसपी को किसी ने गुप्त सूचना दी थी कि ग्रामीण क्षेत्रों में भोले- भाले ग्रामीणों को आयुर्वेद के नाम पर हर मर्ज की दवा बेचने का कारोबार जोर- शोर से चल रहा है, जिसमें पूरा सिंडिकेट काम कर रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल एसपी ने ईचागढ़ थाने को इसकी जानकारी देते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया. जिसके बाद थाना प्रभारी दिनेश ठाकुर ने उक्त कार्रवाई की है. फिलहाल युवकों से कागजात तलब किया गया है.
ऐसे चलता है कारोबार
दरअसल ग्रामीण आरोग्य सेवा संस्थान के नाम पर इनके सदस्यों द्वारा ग्रामीण इलाकों के युवाओं को रोजगार का प्रलोभन देकर अपने साथ जोड़ा जाता है. उसके बाद मुखिया, ग्राम प्रधान वगैरह से सम्पर्क स्थापित कर हेल्थ जांच शिविर आयोजित की जाती है जिसमें इनके प्रशिक्षित लड़के डॉक्टर की भूमिका में होते हैं. उनके द्वारा हर प्रकार की जांच की जाती है उसके बाद इनकी कंपनी के दवाओं को प्रिस्क्राइब किया जाता है, जिसमें शुगर बीपी से लेकर शक्तिवर्धक दवाइयां भी इनके द्वारा दी जाती है. हर तरह की दवाइयां इनके द्वारा ग्रामीणों को बेची जाती है.
कैसे फैलाते हैं कारोबार
इनके द्वारा ग्रामीण आरोग्य संस्था के नाम पर ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को 12 हजार की नौकरी और अन्य सुविधाओं का पहले झांसा दिया जाता है, उसके बाद टीम लीडर द्वारा ग्रामीण इलाकों में युवाओं के जरिए जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर उन्हें मोटे कमीशन का प्रलोभन देकर गांव में शिविर लगाया जाता है, जहां स्थानीय युवक और जनप्रतिनिधियों के झांसे में भोले- भाले ग्रामीण आकर इनकी दवाइयां खरीदते हैं.
पांच सौ से लेकर हजार रुपए तक का होता है एक किट
ग्रामीण बताते हैं कि इनके द्वारा हर मर्ज की दवा का कोर्स बेचा जाता है. जिसके एक फाइल की कीमत 500 से लेकर 1000 तक ली जाती है इसके लिए बजवाते इन्हें रसीद दी जाती है जिसपर न तो जीएसटी नम्बर दर्ज होता है न ही ड्रग लाइसेंस नम्बर. भारत सरकार के उद्यम आधार रजिस्ट्रेशन के नाम पर इनके द्वारा यह गोरखधंधा किया जा रहा है.
रांची से संचालित हो रहा सिंडिकेट
ग्रामीण आरोग्य सेवा संस्था का मुख्य कार्यालय नेचर केयर एंड मैग्नेटिक हेल्थ सेंटर के नाम से रांची के सुखदेव नगर थाना अंतर्गत जयप्रकाश नगर में बताया जा रहा है. इसके संचालक का नाम राजकिशोर राणा बताया जा रहा है. वहीं दवाइयों के पैकेट पर दिया गया कस्टमर केयर नम्बर पर संपर्क करने पर बताया गया, कि उनके द्वारा फूड सप्लीमेंट आइटम बेचे जाते हैं, न कि दवाइयां. उनके पास ग्रामीण आरोग्य संस्था के नाम से रजिस्ट्रेशन है. साथ ही एफएसएसएआई का भी लाइसेंस है. वैसे यह जांच का विषय है. एसपी आनंद प्रकाश ने बताया कि संस्थान से वैद्य कागजात प्रस्तुत करने को कहा गया है साथ ही ड्रग कंट्रोल विभाग को चिट्ठी भेजी जा रही है. जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है. फिलहाल सभी दवाइयां और दस्तावेज जप्त रहेंगे.
करोड़ों का है नेटवर्क
बताया जा रहा है कि संस्थान का करोड़ों का नेटवर्क है. इनका जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी नहीं है. बोकारो, रामगढ़, बुंडू, सरायकेला के ग्रामीण क्षेत्र में संस्थान द्वारा बड़ा नेटवर्क तैयार किया गया है. हाल ही में संस्थान के निदेशक ने करोड़ों की संपत्ति खरीदा है. वैसे यह सब जांच का विषय है. गहराई से यदि जांच हो गया तो बड़ा खुलासा हो सकता है.
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