सरायकेला (Pramod Singh) बरसात के दिनों में सरायकेला- खरसावां जिले के बड़े हिस्से में वज्रपात की घटनाएं होती हैं. 2021 के बरसात में वज्रपात से सात लोग मारे जा चुके हैं और कई जख्मी हुए है. जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र- छात्राओं का जीवन खतरे में है. खासकर बारिश के मौसम में प्राकृतिक आपदा जैसे वज्रपात का खतरा और बढ़ गया है, क्योंकि अधिकतर स्कूलों में वज्रपात की घटनाओं से बचने के लिए लगाये गये तड़ित चालक या तो गायब हो गये हैं, या फिर चोरी हो गये हैं.
2014- 15 में जिले के सभी 14 सौ स्कूलों में वज्रपात से बचाव के लिए स्कूल के कमरों के आधार पर कहीं एक तो कहीं दो तड़ित चालक लगाये गये थे. इसके लिए विभाग की ओर से स्कूल समिति को पैसा भी उपलब्ध कराये गये थे, लेकिन बच्चों के सुरक्षा कवच पर चोरों की नजर पड़ी और कुछ ही दिनों में धीरे- धीरे स्कूलों से तड़ित चालक गायब होने लगे और अधिकतर स्कूलों के तड़ित चालक चोरी हो गये. इसके बाद न तो विभाग ने संज्ञान लिया और न ही स्कूल प्रबंध समिति बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित दिखी. आलम यह है कि आंकड़ा के आधार पर जिले के 14 सौ स्कूलों में महज 435 स्कूलों में फिलहाल तड़ित चालक हैं. इसमें भी गौर करने वाली बात है कि इन 435 स्कूलों में एक भी ग्रामीण या सुदूरवर्ती क्षेत्र के स्कूल नहीं हैं, जहां वज्रपात की अधिक संभावना होती है.
विभिन्न विद्यालयों में अध्ययनरत सैकड़ों बच्चों पर बरसात के मौसम में आसमानी बिजली का खतरा मंडराता रहता है. यहां के विद्यालय में वज्रपात से कोई बड़ी दुर्घटना कभी भी घट सकती है. शिक्षा विभाग एवं आपदा प्रबंधन विभाग की सुस्ती और विद्यालय प्रबंधन समितियों की अज्ञानता की वजह से स्कूलों में तड़ित चालक यंत्र की व्यवस्था नहीं की गयी है.
*एक तड़ित चालक की कीमत 28 से 30 हजार*
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि दो से तीन कमरों वाले स्कूलों में एक तड़ित चालक लगाया गया था, जिसकी कीमत 28 से 30 हजार होती है. जबकि अधिक कमरों वाले स्कूलों में लगाये गये तड़ित चालक की कीमत 50 हजार के आसपास होगी.
*क्या कहते हैं विभागीय अधिकारी*
इस संबंध में जिले के एडीपीओ प्रकाश कुमार ने बताया कि
जिले में वर्ष 2021 में 7 लोगों की वज्रपात से मौत हुई, जबकि वर्ष 2022 में अब तक 1 व्यक्ति की वज्रपात से मौत हुई है. विभाग द्वारा वज्रपात से मृत्यु होने पर 4 लाख मुआवजा का प्रावधान है. 2014- 15 में जिले के सभी स्कूलों में तड़ित चालक लगाये गये थे, लेकिन स्कूलों से तड़ित चालक के चोरी व गायब होने के बाद अब जिले के लगभग 435 स्कूलों में ही तड़ित चालक हैं. स्कूल प्रबंध समिति अपने स्तर से पहल कर स्कूलों में तड़ित चालक लगा सकती है. विभाग से कोई निर्देश नहीं होने के कारण स्कूलों को तड़ित चालक लगाने का कोई निर्देश जारी नहीं हुआ है.
विज्ञापन
विज्ञापन