सरायकेला: अफ्रीका में कोरोना वायरस की नए वैरिएंट ओमिक्रोन मिलने के बाद जहां पूरी दुनिया में हड़कंप मचा है, वहीं डेल्टा वायरस से कई गुना ज्यादा संक्रामक इस नए वैरिएंट को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के माथे पर भी शिकन आ गई है, जबकि सरायकेला- खरसावां जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर हाई अलर्ट मोड पर है. इसको लेकर सतर्कता बढ़ाते हुए जिले में बस स्टैंड सहित सड़क मार्ग से आने वाले लोगों की भी जांच कराने का निर्णय लिया गया है. फिलहाल वैसे लोगों की जांच की जाएगी, जो अफ्रीका से होते हुए सरायकेला जिला आ रहे हैं. कोरोना के नए ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर जिलेवासियो में डर है. वहीं सरायकेला जिला प्रशासन अलर्ट हो गया है. प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य विभाग को अलग से वार्ड व जांच संबंधी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है. विदेश से आने वाले लोगों पर स्वास्थ्य विभाग की विशेष नजर रहेगी. ऐसे लोगों को जांच के साथ ही 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा. बाहर से आने वाले लोगों को क्वारंटाइन रहने के साथ ही कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन करना होगा. शारीरिक दूरी, मास्क का प्रयोग के साथ बार- बार हाथ धोने की प्रक्रिया अपनानी होगी. उन्हें स्वजन से दूर अलग कमरे में रखा जाएगा. उपायुक्त अरवा राजकमल के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग हाई अलर्ट पर है. स्वास्थ्य विभाग को जरूरी हिदायतों के साथ सभी तैयारियां पूरी करने को कहा गया है. सदर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित होने के बाद 90 बेड को ऑक्सीजन सपोर्टेट बेड बनाया गया है. जहां पाइपलाइन के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है. सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार ने कहा स्वास्थ्य विभाग की टीम बाहर से आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखेगी. उनके बारे में जानकारी एकत्रित कर आवश्यक कार्रवाई करेगी. इसके लिए सभी सीएचसी व पीएचसी को सतर्क कर दिया गया है. सिविल सर्जन ने कहा कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर स्वाथ्य विभाग की पुख्ता तैयारी है. सभी चिकित्सक व कर्मियो को भी अलर्ट जारी कर दिया है. बताया गया बाहर से किसी भी अंतरराष्ट्रीय यात्री या उनके परिवार के सदस्यों में कोविड रोग के लक्षणों के विषय में जानकारी प्राप्त होने पर आरआरटी भेजकर आरटीपीसीआर सैंपल जांच कराई जाएगी. साथ ही रेलवे और बस स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की सैपलिंग की व्यवस्था एवं मेडिकल टीम की व्यवस्था की जा रही है. बाहर से आनेवाले लोगों की आरटीपीसीआर और ट्रू नेट मशीन से जांच की जाएगी. सदर अस्पताल में अलग से एकबार फिर मशीन लगाए जा रहे हैं.
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