SARAIKELA DESK राज्य की सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन लगातर राज्य के विकास को गति देने के लिए प्रयासरत हैं. शनिवार को देश में होनेवाले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तक सीएम चम्पाई सोरेन ने राज्य के लागभग सभी जिलों को कुछ न कुछ सौगातें दिए हैं. हालांकि अपने विधानसभा क्षेत्र के दो- दो बड़ी योजनाओं पर विभागीय लापरवाही की वजह से न केवल सरकार की बल्कि मुख्यमंत्री की भी किरकिरी हो रही है.
आपको बता दें कि पिछले महीने मुख्यमंत्री को सरायकेला विधानसभा अंतर्गत आदित्यपुर नगर निगम के लिए प्रस्तवित भूमि की आधारशिला रखनी थी. एंन मौके पर सरकारी जमीन का कथित दावेदार सामने आ गया और हाईकोर्ट से स्टे ले लिया, जिसके बाद भूमिपूजन कार्यक्रम ताल दिया गया. आनन- फानन में सीओ का ट्रांसफर किया गया और रातोंरात नए सीओ को कमान सौंपी गई. बाद में मामले की जांच करने पर उक्त भूखंड सरकारी निकला जिसपर अंचल प्रशासन ने अपना बोर्ड लगाकर अपने कब्जे में ले लिया है. मगर नगर निगम के भवन का काम अधर में लटक गया.
इधर बीते 13 मार्च को पथ निर्माण विभाग की ओर से आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया और आदित्यपुर नगर निगम के 35 वार्डों के लिए करीब 364 करोड़ की निविदा निकाली गई, जिससे उद्यमियों और नगर निगम के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. मगर 48 घंटे के भीतर ही सारे निविदा को होल्ड करने की अधिसूचना विभाग ने जारी कर सभी को चौंका दिया. दिनभर सरायकेला में यह चर्चा का विषय बना रहा. इस मामले पर पड़ताल करने पर पाया गया कि विभाग द्वारा तकनीकी स्वीकृति दे दी गयी थी, मगर प्रशासनिक स्वीकृति नहीं दी गयी थी इसी वजह से टेंडर को होल्ड किया गया है. इधर शनिवार से आदर्श आचार संहिता लागू हो जाने के बाद अब तीन महीने के लिए विकास योजना पर ग्रहण लग गया है. ऐसे में सवाल ये उठने लगा है कि आखिर सरकार की छवि को कौन खराब कर रहा है ? एक तरफ मुख्यमंत्री लगातार सरकारी योजनाओं की सौगातें देते फिर रहे हैं दूसरी तरफ उनके विधानसभा क्षेत्र की योजनाओं पर ही विभागीय अधिकारी लापरवाही दिखा रहे हैं.