सरायकेला/ Pramod Singh आगामी 10 से लेकर 25 अगस्त तक जिले में एमडीए- आईडीए अभियान चलाया जाएगा. अभियान के सफल संचालन को लेकर सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम के दौरान तीन प्रकार की दवाओं डीईसी, एल्बेंडाजोल और आईवरमेसटिन का सेवन कराया जाना है. जो सुरक्षित है. इसके तहत 10 अगस्त को सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र, सदर अस्पताल एवं आंगनबाड़ी केंद्र मिलाकर कुल 1756 चिन्हित बूथ पर दवाओं का सेवन दवा प्रशासकों द्वारा कराया जाएगा. इसके बाद छुटे हुए लोगों को 11 अगस्त से लेकर 25 अगस्त तक डोर टू डोर जाकर दवा खिलाई जाएगी.
उन्होंने बताया कि माइक्रो प्लान के तहत इस कार्य में प्रखंड वार लक्ष्य तय किए गए हैं. जिसके तहत जिले के 1138201 लोगों को दवा सेवन कराने का लक्ष्य रखा गया है. जिसमें जिलेभर में निर्धारित 1756 बूथ के लिए 3512 ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर और 205 सुपरवाइजर प्रति नियुक्त किए गए हैं.
उन्होंने बताया कि फाइलेरिया क्यूलेक्स मच्छर के द्वारा फैलता है. जिसकी वजह से हाथ, हाथी पांव का फूलना लिंफोडिमा और हाइड्रोसील होता है. संक्रमण के शुरू में फाइलेरिया का कोई भी लक्षण दिखाई नहीं देता है. संक्रमण के कुछ सालों बाद बुखार रहने लगता है. कुछ सालों बाद यह बुखार जल्दी- जल्दी दर्द के साथ आने लगता है. और इसके बाद प्रभावित अंग में सूजन आने लगती है. उन्होंने बताया कि यद्यपि फाइलेरिया जानलेवा बीमारी नहीं है. लेकिन यह प्रभावित व्यक्तियों एवं उनके परिवारों पर गंभीर सामाजिक एवं आर्थिक प्रभाव डालता है.
उन्होंने बताया कि आमतौर पर एमडीए की दवा खाने के पश्चात किसी भी प्रकार का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है. परंतु कुछ व्यक्तियों में खासकर जिनके अंदर फाइलेरिया के जीवित परजीवी होते हैं, उनके अंदर दवा खाने के बाद बुखार, सरदर्द, शरीर दर्द, उल्टी जैसा अनुभव होना या उल्टी होना जैसे कुछ दुष्प्रभाव देखने को मिलता है. इसमें आकस्मिकता की स्थिति में प्रतिकूल प्रभाव के प्रबंधन के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर त्वरित कार्य दल का गठन किया गया है. जो पूरे अभियान के दौरान कार्य करेंगे. इसके साथ ही निगरानी एवं पर्यवेक्षण के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर मॉनिटरिंग टीम का गठन किया गया है. 10 अगस्त गुरुवार को उपायुक्त रविशंकर शुक्ला सदर अस्पताल में इस अभियान का शुभारंभ करेंगे.
बाईट
अजय कुमार सिन्हा (सिविल सर्जन)