सरायकेला (Pramod Singh) जिले के खनन पदाधिकारी सन्नी कुमार की मुश्किलें बढ़नेवाली है. बता दें कि चांडिल एसडीओ रंजीत लोहरा की शिकायत पर जिले के उपायुक्त द्वारा गठित एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है. जिसमें जिला खनन पदाधिकारी को दोषी पाया गया है. संभवतः सोमवार को कमेटी अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
बता दें कि चांडिल एसडीओ रंजीत लोहरा ने क्षेत्र में संचालित हो रहे अवैध क्रशर, बालू खनन और पत्थर माइनिंग में पकड़े गए वाहनों एवं क्रशर मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बजाए पैसे लेकर मामले को रफा दफा करने का आरोप लगाते हुए उपायुक्त से शिकायत की थी. जिसके बाद उपायुक्त ने एडीसी के नेतृत्व में एक टीम गठित कर रिपोर्ट तलब किया था. सूत्र बताते हैं कि टीम की रिपोर्ट तैयार हो चुकी है जिसमें जिला खनन पदाधिकारी पर लगे आरोप सही पाए गए हैं.
बताया जा रहा है कि उपायुक्त के आदेश ज्ञापन संख्या 499 के तहत अपर उपायुक्त सरायकेला द्वारा जो रिपोर्ट तैयार की गई है, उसके अनुसार अनुमंडल पदाधिकारी चांडिल द्वारा लगाए गए
आरोप संख्या 1
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत आए दिन बालू तथा पत्थर का अवैध उत्खनन परिवहन तथा भंडारण की सूचना स्थानीय मीडिया के माध्यम से प्राप्त होती है, जिसमें तत्काल अनुमंडल स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा कार्रवाई कर इसकी सूचना जिला खनन पदाधिकारी को दी जाती है, परंतु जिला खनन पदाधिकारी द्वारा कोई भी कार्यवाई नहीं की जाती है, मजबूरन अंचल अधिकारियों द्वारा प्राथमिकी दर्ज की जाती है.
आरोप संख्या- 2
सभी कार्रवाई अनुमंडल स्तरीय टास्क फोर्स द्वारा करने से पूर्व तथा बाद में भी मोबाइल से जिला खनन पदाधिकारी सरायकेला- खरसावां को सूचना दी गई, परंतु उनके द्वारा किसी प्रकार की न तो प्रतिक्रिया दी गई, और ना ही प्राथमिकी दर्ज किया गया.
आरोप संख्या 3
गुप्त सूत्रों से पता चला कि खनन पदाधिकारी द्वारा ही बालू माफियाओं से सांठगांठ कर बालू तथा पत्थर का अवैध उत्खनन, परिवहन तथा भंडारण किया जा रहा है. इस क्रियाकलाप से भी इनकी संलिप्तता प्रथम दृष्टया सही प्रतीत होती है.
आरोप संख्या 4
जिसके कारण झारखंड सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की क्षति हो रही है. साथ ही आए दिन मीडिया में समाचार प्रसारित होने के कारण जिले की छवि भी खराब हो रही है.
जिला खनन पदाधिकारी का जवाब
इस संबंध में बताया गया कि जिला खनन पदाधिकारी द्वारा पत्रांक संख्या 511/एम के माध्यम से दिनांक 7 जून 2022 को 36 पन्नो का रिपोर्ट जवाब स्वरूप सौंपा गया है, जिसमे आरोप संख्या 3 व 4 में लगे आरोपों से इंकार किया गया है, जबकि आरोप संख्या 1 का जवाब देते हुए अनुमंडलवार की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया है, जो 1- 36 तक संलग्न है. वहीं आरोप संख्या 2 के संबंध में कंडिका- 2 के माध्यम से अपना पक्ष समर्पित किया गया है. जिसकी प्रति रिपोर्ट के साथ समर्पित की गई है.
जांच समिति का मंतव्य
जिला खनन पदाधिकारी सरायकेला- खरसावां द्वारा अवैध खनन के संबंध में की गई कार्रवाई संबंधी प्रतिवेदन पर विचार करते हुए टीम ने अपना मंतव्य देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि जिला खनन पदाधिकारी सरायकेला- खरसावां द्वारा ज्यादातर मामलों में जुर्माने की राशि लेकर गाड़ी छोड़ दिया जाता है, जबकि अवैध खनन रोकने हेतु कड़ी कानूनी कार्यवाई किया जाना चाहिए था. जिससे अवैध खनन को रोका जा सके. कई मामलों में न्यायालय में दायर परिवाद के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है. साथ ही जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक में अवैध माइंस/ क्रशर की सूची भी उपलब्ध नहीं कराई गई है. इस प्रकार सन्नी कुमार जिला खनन पदाधिकारी सरायकेला- खरसावां का अपने कार्य के प्रति उदासीनता को प्रदर्शित करता है. साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी चांडिल द्वारा अवैध खनन की सूचना दिए जाने के बावजूद अपेक्षित सहयोग/ कार्रवाई नहीं करना भी कार्यों में मनमाना ढंग/ लापरवाही को प्रदर्शित करता है. अतः प्रतिवेदन सादर सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु समर्पित. की जाती है.
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