सरायकेला (Pramod Singh) डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा उपायुक्त सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर मृतक नाबालिग मोहन के परिजनों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के गाइडलाइन के अनुसार समुचित मुआवजा दिलाने और जिले भर में इलीगल डिटेंशन को सख्ती से रोकने की मांग की है.
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इस संबंध में डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट प्रभात कुमार, उपाध्यक्ष ओम प्रकाश और संयुक्त सचिव प्रशासन भीम सिंह कुदादा द्वारा लिखे गए पत्र में बताया गया है कि अपने मां- बाप का इकलौता बेटा मोहन प्रेम प्रसंग में था. और वह अपनी प्रेमिका और कुछ लोगों के साथ खुद ही थाना गया था. बावजूद इसके बिना एफआईआर के हजरत में 3 दिन से बंद रखना सीआरपीसी के सेक्शन 57 का घोर उल्लंघन है. डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन ने मांग की है कि यदि परिवार की सहमति हो तो उक्त कांड की जांच राज्य सरकार सीआईडी से कराएं. मृतक के परिवार को झारखंड विक्टिम कंपनसेशन रूल एवं राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकार की गाइड लाइन के अनुसार ससमय मुआवजा दिलाया जाए. तथा पूरे जिले के किसी भी थाने में इलीगल डिटेंशन को सख्ती से रोका जाए. एवं समय-समय पर न्यायिक दंडाधिकारी को थाने की औचक निरीक्षण करने की जिम्मेवारी दी जाए.
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