सरायकेला/ Pramod Singh जगन्नाथ मंदिर में बुधवार को पवित्र देवस्नान पूर्णिमा के मौके पर श्री जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का शाही स्नान कराया गया. परंपरा के अनुसार देव स्नान पूर्णिमा उत्सव का आयोजन किया गया और प्रभु जगन्नाथ का देव स्नान कराते हुए चंदन, अगुरु, गाय का घी, दूध, दही, मधु, हल्दी आदि का लेप लगाया गया.


35 कलश पानी से स्नान
इसके बाद प्रभु जगन्नाथ को 35 कलश, बड़े भाई बलभद्र को 42 कलश, बहन सुभद्रा को 20 कलश और सुदर्शन को 11 कलश पानी से स्नान कराया गया. स्नान के बाद प्रभु को खट्टा प्रसाद खिलाया गया, जिससे भगवान बीमार होकर स्वास्थ्य लाभ के लिए अन्नसरगृह में चले गए.
15 दिनों के लिए मंदिर का कपाट बंद
अब पंद्रह दिनों के लिए प्रभु मंदिर स्थित अग्रसर गृह में रहेंगे और मंदिर का कपाट बंद रहेगा. अस्वस्थता के दौरान प्रभु का उपचार की परंपरा निभाई जाएगी. परंपरा के अनुसार माली परिवार के द्वारा विशेष औषधि की दो खुराक का सेवन प्रभु को कराया जाएगा.
27 जून से रथ यात्रा उत्सव
औषधि का सेवन कर प्रभु स्वस्थ हो जाएंगे और नेत्र उत्सव के दिन प्रभु का भव्य श्रंगार किया जाएगा. इसके बाद 27 जून से नौ दिवसीय रथ यात्रा उत्सव शुरू हो जाएगा, जिसमें प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा विश्राम करने के लिए अपनी मौसी के घर जाएंगे.
