सरायकेला: जिले के मुख्यमंत्री उत्कृष्ठ एनआर प्लस टू उच्च विद्यालय सरायकेला की प्रभारी प्रधानाचार्य अंबिका प्रधान से दस नव नियुक्त शिक्षकों की सेवा पुस्तिका पर बैक डेट में हस्ताक्षर कराने के मामले में घिर चुके जिले के तानाशाह जिला शिक्षा पदाधिकारी संतोष गुप्ता 11 करोड़ रुपए के घोटाला करने के आरोपी हैं. हजारीबाग जिला में जिला शिक्षा अधीक्षक के पद पर पदस्थापित रह चुके संतोष गुप्ता 11 करोड़ रुपए के पोशाक वितरण घोटाला में मुख्य अभियुक्त रह चुके हैं. घोटाला की जांच को लेकर विभाग द्वारा प्राथमिक शिक्षा निदेशक डॉ नेहा अरोड़ा की अगुआई में गठित जांच टीम के द्वारा संतोष गुप्ता को घोटाला का प्राथमिक अभियुक्त ठहराया गया है. घोटाला को लेकर उच्च न्यायालय में पीआईएल दायर हो चुका है जिसकी सुनवाई चल रही हैं.
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क्या था मामला
जिले के वर्तमान जिला शिक्षा पदाधिकारी संतोष गुप्ता हजारीबाग जिले में जिला शिक्षा अधीक्षक के पद पर पदस्थापित रहते विभागीय नियमों को ताक पर रखकर करीब 12 करोड़ रुपए की पोशाक की खरीदारी कर कक्षा तीन से आठ तक के बच्चों को उपलब्ध कराया था. जबकि विभागीय निर्देश के अनुसार कक्षा एक और दो के बच्चों के पोशाक की राशि विद्यालय प्रबंधन समिति के खाते में भेजा जाता है तथा कक्षा तीन से आठ तक के बच्चों की पोशाक की राशि को उनके खाते में भेजे जाने का प्रावधान है. किंतु जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा किसी भी बच्चे के खाते में राशि नहीं भेजी गई बल्कि डीएसई महोदय द्वारा खुद पोशाक की खरीदारी कर बच्चों को उपलब्ध कराया गया, जिसमे डीएसई को अच्छा खासा कमीशन भी प्राप्त हुआ.
फर्जीवाड़े का विरोध करने वाले शिक्षकों को प्रताड़ित करते हैं डीईओ
हजारीबाग के शिक्षक संजय दुबे को संतोष कुमार गुप्ता से प्रताड़ित होने के बाद हार्ट अटैक आ गया था. वही एनआर प्लस टू उच्च विद्यालय की प्रभारी द्वारा बैक डेट में हस्ताक्षर नहीं करने पर डीईओ के द्वारा प्रभारी के विरुद्ध की गई कार्रवाई कोई नया नहीं है. पहले भी डीईओ अपने भ्रष्टाचार में साथ नहीं देने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई करते आए हैं. हजारीबाग जिला में डीईओ संतोष गुप्ता के घोटाले को उजागर करने वाले दर्जन भर शिक्षकों के विरुद्ध वे विभागीय कार्रवाई कर चुके हैं.
आखिर भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी को कैसे मिला प्रमोशन ?
एक ऐसे अधिकारी जिसके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं उन्हें प्रमोट कर दूसरे जिले का प्रभार दे दिया गया जो सरकार और विभाग पर सवाल तो खड़े कर ही रहे हैं कोर्ट को भी शर्मशार होना पड़ रहा है. विभाग के सूत्रों की माने तो डीईओ की पहुंच विभाग के बड़े पदाधिकारी तक है इसलिए इतनी बड़ी कार्रवाई होने के बाद भी उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई. उल्टे उन्हें प्रमोशन दे दिया गया.
देखें हजारीबाग के डीएसई रहते संतोष गुप्ता के खिलाफ लगे आरोपों की सूची और उस वक्त के अखबारों की सुर्खियां
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