सरायकेला/ Pramod Singh सेवा पुस्तिका पर बैक डेट में साइन कराने को लेकर एनआर प्लस टू उच्च विद्यालय सरायकेला की प्रभारी अंबिका प्रधान के साथ बदसलूकी मामले पर घिर चुके जिला के तानाशाह जिला शिक्षा पदाधिकारी संतोष गुप्ता ने एक बार फिर अपने तानाशाही का परिचय दिया है. डीईओ ने बदले की भावना से प्रेरित होकर प्रभारी प्रधानाध्यापिका का उनके वेतन भुगतान पर अगले आदेश तक रोक लगाते हुए सात बिंदुओ पर स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही चौबीस घंटे के भीतर स्पष्टीकरण नहीं देने पर विभागीय कार्रवाई करने की बात कही है.
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इन बिंदुओं पर किया शो कॉज
डीईओ द्वारा जारी किए गए स्पष्टीकरण में उस बात का भी जिक्र किया गया है जिसके लिए डीईओ ने प्रधानाध्यापिका के साथ बदसलूकी करने के साथ प्रभार से हटा देने की बात कही थी. कहा गया है कि प्रभारी द्वारा नव नियुक्त शिक्षकों की सेवा पुस्तिका का संधारण नही किया गया है. इसके लिए बार- बार विभागीय निर्देश दिए जाने के बाद भी प्रभारी द्वारा विभागीय वरीय पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना की गई है. इसके साथ ही डीईओ ने विद्यालय में संचालित मध्याह्न भोजन योजना में अनियमितता, कार्य में उदासीनता, विद्यालय में अनुशासनहीनता के साथ- साथ विद्यालय के शिक्षकों द्वारा प्रभारी के खिलाफ लिखित व मौखिक शिकायत करने की बात पर स्पष्टीकरण मांगा है.
विद्यालय के दूसरे शिक्षकों के लिए भी जारी किया फरमान
विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका से स्पष्टीकरण मांगने के साथ- साथ डीईओ ने विद्यालय के अन्य शिक्षकों के लिए भी फरमान जारी किया है. विद्यालय में प्रतिनियोजित शिक्षक हरेकृष्ण महतो का प्रतिनियोजन को समाप्त करते हुए उन्हें उनके मूल विद्यालय में योगदान करने का निर्देश दिया है. जबकि 7 फरवरी को जारी विभागीय आदेश के अनुसार श्री महतो को वार्षिक माध्यमिक व इंटरमीडिएट परीक्षा को लेकर विद्यालय में प्रतिनियोजित लिया गया था. एक दिन बाद ही डीईओ ने विभागीय आदेश को निरस्त करते हुए हरेकृष्ण महतो को उनके मूल विद्यालय में योगदान करने का निर्देश जारी किया है. वहीं डीईओ ने विद्यालय के हेल्थ केयर वोकेशनल ट्रेनर कौशिक दास को उनके कार्य में लापरवाही बरतने की बात कह कर उनसे सपाष्टिकरण मांगा है. चौबीस घंटे के भीतर स्पष्टीकरण नहीं देने पर सेवा समाप्त करने की बात कही है.
सुलगते सवाल
डीईओ द्वारा विद्यालय की प्रभारी से मांगा गया स्पष्टीकरण कहीं उनके द्वारा सेवा पुस्तिका पर बैक डेट में हस्ताक्षर करने से मना करने का प्रतिफल तो नहीं ? प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगने के साथ ही विद्यालय के दूसरे शिक्षकों के लिए भी फरमान जारी करना कहीं अपने बदले की भावना को छुपाने की कोशिश तो नहीं ? मालूम हो की विगत 7 फरवरी को डीईओ साहब एनआर की प्रभारी अंबिका प्रधान से कुछ शिक्षकों की सेवा पुस्तिका पर बैक डेट में हस्ताक्षर करने का दबाव बनाया था. प्रभारी द्वारा हस्ताक्षर करने से मना करने पर डीईओ ने उनके साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार करने के साथ ही प्रभार से मुक्त करने की धमकी दी थी. इधर 8 फरवरी को डीईओ ने विद्यालय की प्रभारी के विरुद्ध स्पष्टीकरण जारी कर अपने मंसूबे को जाहिर कर दिया है. जो कई सवालों को जन्म दे रहा है.
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