सरायकेला: बालमित्र थाना कक्ष के बाथरूम में बीते 2 नवंबर को हुए नाबालिक मौत मामले को लेकर गठित न्यायिक जांच मामले में बुधवार को एसडीजेएम एसके पिंगुआ की अदालत में एसपी आनंद प्रकाश की गवाही हुई.
बता दें कि बीते 2 नवंबर को सरायकेला बालमित्र थाना कक्ष के बाथरूम में घाटशिला के 17 वर्षीय नाबालिग मोहन मुर्मू की संदिग्ध मौत हो गई थी. परिजनों की शिकायत पर थाना प्रभारी मनोहर कुमार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसके बाद तत्काल एसपी आनंद प्रकाश ने थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया था. तब से लेकर आजतक थाना प्रभारी भूमिगत हैं.
बढ़ सकती है थानेदार की परेशानी
उधर घटना के बाद से लगातार फरार चल रहे तत्कालीन थाना प्रभारी मनोहर कुमार की परेशानी बढ़ सकती है. सूत्रों की अगर मानें तो घटना के बाद से ही एसपी आनंद प्रकाश मनोहर कुमार के मामले को लेकर बेहद ही खफा है.
क्या है घटनाक्रम
मृतक मोहन मुर्मू का सरायकेला के एक युवती के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था. युवती के परिजनों ने मृतक पर युवती को परेशान करने का आरोप लगाते हुए युवक को पुलिस के हवाले कर दिया था. मगर बगैर मामला दर्ज किए थाना प्रभारी ने मृतक को बालमित्र थाना कक्ष में 2 दिनों तक बंद रखा. जहां छोड़ने के एवज में 50 हजार रुपए की डिमांड की गई. नहीं देने पर उसके साथ मारपीट की गई, जिससे तनाव में आकर युवक ने बालमित्र कक्ष में बने शौचालय में बेल्ट के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. इतना ही नहीं इसकी सूचना बगैर किसी वरीय पदाधिकारियों को दिए लाश को ठिकाने लगाने का षड्यंत्र रचा जा रहा था. घटना की सूचना पर सबसे पहले एसडीपीओ हरविंदर सिंह पहुंचे थे. उसके बाद एसपी आनंद प्रकाश पहुंचे थे. उन्होंने तत्काल जांच का आदेश दिया. जिसके बाद सरायकेला सीओ सुरेश कुमार सिन्हा एवं एसडीओ राम कृष्ण कुमार पहुंचे और घटनास्थल का जायजा लिया. प्रथम दृष्टया हत्या कर शव लटकाए जाने की बात सामने आई थी. एसडीओ की अनुशंसा पर उपायुक्त ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे.