SARAIKELA प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विजय कुमार की अदालत ने हत्या कर आत्महत्या का रूप देने के एक मामले पर सुनवाई करते हुए मामले के अभियुक्त ठाकुरा मुर्मू को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने भादवि की धारा 302 के तहत अभियुक्त ठाकुरा मुर्मू को मामले का दोषी पाते हुए सश्रम आजीवन कारावास के साथ- साथ 10000 अर्थदंड की सजा भी सुनाई है. अर्थदंड नहीं अदा कर पाने की स्थिति में अभियुक्त को 6 महीने साधारण कारावास की सजा भुगतनी होगी.
सरायकेला थाना कांड संख्या 68/ 2017 के तहत राजनगर के जामडीह निवासी लखन हांसदा की शिकायत पर मामला दर्ज कराया गया था. जिसमें लखन हांसदा ने बताया था कि उनकी पुत्री मालती मुर्मू (हांसदा) का प्रेम विवाह राजनगर के रोला निवासी ठाकुरा मुर्मू के साथ दिनांक 7 नवंबर 2017 को हुई थी. प्रेम विवाह के महज तीन दिन बाद ही घटना को अंजाम दिया गया. बताया गया था कि ठाकुरा द्वारा धान कटाई के दौरान ठाकुरा के बड़े भाई हरि मुर्मू की पत्नी बासंती मुर्मू के साथ मालती का झगड़ा हुआ था. जिसके बाद घर में गमछे से लटकते हुए मालती की लाश मिली थी. अनुसंधान के क्रम में गमछा से गला दबाकर हत्या करने के बाद इसे आत्महत्या का रूप देने की बात सामने आई थी. जिसमें स्वर्गीय मालती की सास लोजी मुर्मू, बड़े भाई हरि मुर्मू, मंझले भाई सुनील मुर्मू एवं संझले भाई हुडिंग मुर्मू को भी आरोपी बनाया गया था.