सरायकेला/ Pramod kumar Singh : सरायकेला छऊ आर्टिस्ट एसोसिएशन की ओर से जेल रोड बजरंगबली मंदिर के समक्ष मैदान में पारंपरिक चइत परब आयोजन का विधिवत उदघाटन एसोसिएशन के संरक्षक मनोज चौधरी,आदित्यपुर के पूर्व उपमहापौर अमित सिंह ने संयुक्त रूप से द्वीप प्रज्वलित कर किया. उक्त अवसर पर एसोसिएशन के मंच पर प्रदीप कर मेमोरियल ट्रस्ट के सौजन्य से काशीनाथ कर तथा आशीष कर ने पुराने ढोल वादक सुखलाल महांती,घसीनाथ महांती,पुराने कलाकार बलाराम महांती, विजय महांती को कलाकारो को सम्मानित किया.
मूर्ति तथा मुखौटा निर्माता सुखदेव महाराणा तथा उपस्थित अन्य कलाकारों को एसोसिएशन ने अंगवस्त्र गुलदस्ता दे कर सम्मानित किया. तत्पश्चात कलाकार रूपेश साहु,सुदीप कवि,अभिनाश कवि,लिटन महांती,अमित साहू ,राजेश गोप,प्रदीप बसा,बिजन सरदार,निवारण महतो,नीरज पटनायक ,पंकज साहू,आद्यापदो साहू,राकेश कबी ने पारंपरिक शिव आराधना यात्राघट की धुन के साथ आरती, तांडव, नाविक, राधाकृष्ण, मयूर, रात्रि, राधाकृष्ण, कोचदेवदानी ,गोरुडवासुकी, चिरकूनी, चंद्रभागा, दुर्गा सहित कई प्रकार की एक से बढ़ कर एक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को झूमने में मजबूर कर दिया.
उक्त अवसर पर, संरक्षक मनोज चौधरी ने कहा कि छऊ कला हमारी पहचान है,इसे बचाना हम सभी का जिम्मेदारी है. छऊ आज से पांच सौ साल पहले सरायकेला में ही समर अभ्यास करण के रूप में विकसित हुआ पर उन महान विभूतियों को हम कैसे भुल सकते हैं जिन्होंने अपनी सर्वस्व न्यौछावर कर सरायकेला छऊ शैली को विश्व रंगमंच में एक दमदार नृत्य शैली के रूप में प्रसिद्धि दिलाई. इसीलिए सरायकेला को छऊ की जननी कहा जाता है.
अध्यक्ष भोला महांती ने कहा कि एसोसिएशन हमेशा कला और कलाकारों की उत्थान के लिए कार्य करती रहेगी. आगे भी ऐसा कार्यक्रम होती रहेगी. उक्त अवसर पर रजत पटनायक,,सुदीप कवि,शुशील आचार्य,सुनील दुबे,काशीनाथ कर,आशीष कर, बाउरीबंधु महतो,अभिनाश कवि,सानकु महतो,लालू महतो,मंगला मुखी, लिटन महांती,अनिल पटनायक,देवराज दुबे,नीरज पटनायक,चंदन पटनायक,काबल्या पटनायक,पिंटू पटनायक,उत्तम पटनायक,गुप्तेश्वर पटनायक, पंकज साहू,आद्यपदो साहू, सहित काफी संख्या में कलाकार तथा छऊ प्रेमी दर्शक उपस्थित थे.