सरायकेला (Pramod Singh) कृषि उपज एवं पशुधन विपणन विधेयक 2022 का एक बार फिर से विरोध शुरू हो गया है. सोमवार को कृषि उपज एवं पशुधन विपणन विधेयक के विरोध में सरायकेला के व्यापारियों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध कर जताया और सरकार के निर्णय को गलत बताया.
सरायकेला चेंबर के महासचिव मनोज कुमार चौधरी ने बताया कि विधेयक का विधानसभा से पारित होना व विगत दिनों राज्यपाल द्वारा सहमति प्रदान करने के खिलाफ विरोध किया गया. उक्त विधयेक को निरस्त करने के लिए फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के तत्वाधान में राज्यव्यापी आंदोलन की रूपरेखा तय करने का सुझाव व आंदोलन सफल करने के लिए सभी खाद्यान्न व्यापारियों ने कमर कस ली है.
चौधरी ने कहा कि इस काले कानून के लागू होने पर इंस्पेक्टर राज कायम होगा और खाद्यान्न की कीमत बढ़ेगी 30- 40 हजार व्यवसायी व राज्य भर की जनता पर विधेयक का सीधा असर पड़ेगा. पड़ोसी राज्य ओडिशा व बंगाल में ऐसे कृषि कर का प्रावधान नहीं है. इसका सीधा असर खाद्य सामग्रियों की कीमत पर पड़ेगा. कृषि उपज से संबंधित उद्योगों पर भी असर पड़ेगा. सीमावर्ती इलाके पश्चिमी सिंहभूम जिले का व्यवसाय लगभग ठप होने की कगार पर आ जायेगा.
चौधरी ने कहा कि आठ फरवरी को फेडरेशन ऑफ झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की राज्यव्यापी बैठक में सरायकेला चेंबर का प्रतिनिधिमंडल शामिल होगा. यदि सरकार ने विधेयक को निरस्त नहीं किया तो राज्य भर में उग्र आंदोलन की संभावना है.