सरायकेला/ Pramod Singh झारखंड सरकार के कला खेलकूद युवा कार्य विभाग, पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में स्थानीय बिरसा मुंडा स्टेडियम में तीन दिवसीय चैत्र पर्व सह छऊ महोत्सव का रंगारंग उदघाटन किया गया. पहले दिन राजकीय छऊ कला केंद्र के कलाकारों द्वारा सरस्वती वंदना की गयी और सरायकेला शैली छऊ नृत्य प्रस्तुत किया गया.


चैत्र पर्व के उद्घाटन समारोह में मुख्य रूप से खूंटी सांसद काली चरण मुंडा, सिंहभूम सांसद जोबा माझी, परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ, खरसावां विधायक दशरथ गागरई, ईचागढ़ विधायक सबिता महतो, जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा एवं जिप उपाध्यक्ष मधुश्री महतो उपस्थित थीं. समारोह का उद्घाटन अतिथियों द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए झारखंड सरकार के राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग सह परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि छऊ केवल सरायकेला ही नहीं बल्कि झारखंड की धरोहर है जिसको यूनेस्को के द्वारा विश्व की अमूर्त धरोहर के रूप में स्वीकार्य किया गया है. वर्तमान समय में पूरी दुनिया जिस प्रकार छऊ को अपना रही है ये हमारे लिए गर्व की बात है. किंतु हमें छऊ के लिए जितना काम करना चाहिए उतना नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने कहा की छऊ नृत्य को बचाए रखने और इसके उत्थान और विकास के लिए झारखंड सरकार कृत संकल्पित है. सरकार छऊ को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है.
खूंटी सांसद कालीचरण मुंडा ने कहा कि प्राचीन समय में छऊ की उदगम नगरी सरायकेला एक ऐसा स्टेट रहा है जहां राजा रजवाड़े का सिक्का चलता था. इसके बावजूद भी सरायकेला एक ऐसा जगह रहा है जहां छऊ नृत्य के दौरान राजा और प्रजा एक साथ मिलाकर एक ही मंच पर नृत्य करते थे. उन्होंने कहा कि छऊ नृत्य एक ऐसा सांस्कृतिक धरोहर है जो एक मामूली अखाड़ा से निकलकर विश्व पटल पर अपनी अमिट छाप छोड़ चुका है. उन्होंने कहा कि छऊ के विकास के लिए जरूरी है कि ग्रामीण क्षेत्रों में नृत्य करने वाले कलाकारों को भी मौका दिया जाए.
कार्यक्रम में उपयुक्त रवि शंकर शुक्ला, पुलिस अधीक्षक मुकेश लुनायत, सरायकेला अनुमंडल प्रभारी निवेदिता नियति, कार्यपालक दंडाधिकारी सत्येंद्र कुमार महतो, आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष भोला महंती समेत जिले के वरीय पदाधिकारी और कलाकार मौजूद थे.
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