सरायकेला: राजकीय चैत्रपर्व छऊ 2023 का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस साल पहली बार छऊ विवादों को लेकर चर्चा में रहा. भले प्रशासन इसकी सफलता को लेकर अपनी पीठ थपथपा रही है, मगर दो- दो जगहों पर चैत्र पर्व का आयोजन कर कलाकारों एवं जिला प्रशासन ने गहरी खाई पैदा कर दिया है.

राजकीय चैत्र पर्व जिला प्रशासन की देखरेख में होता रहा है. एसडीओ इसके सचिव होते हैं. इसके विधि- विधान से लेकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का जिम्मा जिला प्रशासन का होता है. हर साल इसके लिए सरकार की ओर से बजट पारित किए जाते हैं. साथ ही सीएसआर के मद से भी काफी सहयोग मिलता है, ताकि राजकीय चैत्र पर्व का भव्य आयोजन हो. अमूमन हर साल ऐसा ही होता रहा है. इस तरह से कभी विवाद उभरकर सामने नहीं आया.
सूत्रों की मानें तो इस साल भी सरकार की ओर से राजकीयपर्व के लिए 50 लाख का आवंटन मिला, खर्च के लिए एक ही संवेदक प्रभा मंडल के जिम्मे सारी व्यवस्था सौंप दी गई. विवादित छऊ गुरु तपन पट्टनायक के निर्देशन में सारा अनुष्ठान संपन्न हुआ. तीन दिनों तक चले इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद अर्जुन मुंडा का नहीं पहुंचना भी चर्चा में है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अंतिम समय में उनके पास निमंत्रण लेकर पहुंचे अधिकारी को केंद्रीय मंत्री ने खूब खरी- खोटी सुनाई. खैर बीत गयी सो बात गयी. सीएसआर से उक्त समारोह के लिए कितना पैसा आया इसका हिसाब अबतक नहीं मिला है जिसकी अंदरखाने में खूब चर्चा हो रही है.
कलाकारों में भी है नाराजगी
मंत्री चंपई सोरेन के निर्देश पर इस साल राजकीय चैत्र पर्व के मंच पर स्थानीय कलाकारों को सम्मानित किया गया. विधायक प्रतिनिधि सनद आचार्य पूरे शिद्दत के साथ स्थानीय कलाकारों के सम्मान में लगे रहे. मगर महज एक गुलदस्ता, प्रशस्ति पत्र, शॉल और भोजन कराकर उन्हें विदा कर दिया गया. ऐसे कुछ कलाकार भी राज्य के दूसरे हिस्सों से यहां पहुंचे थे, उनके मान- सम्मान का ख्याल नहीं रखा गया. दबी जुबान से इसकी जांच की मांग भी जोर पकड़ने लगी है. हालांकि सनंद आचार्य की वजह से चैत्र पर्व के मौके पर तीनों दिन सरायकेला में विद्युत सज्जा देखने को मिला.
एन वक्त पर बदला गया प्रभारी निदेशक हो रही चर्चा
इस साल छऊ संचालन कमेटी की बैठक के बाद एन वक्त पर प्रभारी निदेशक का बदलना भी चर्चा में रहा. पूरे कार्यक्रम को लेकर निविदा आमंत्रित किए गए, मगर उसके लिए प्रचार-प्रसार नहीं किया गया. ना ही किसी बाहरी व्यक्ति को टेंडर की भनक लगी. वैसे कार्यक्रम संपन्न होने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. संभावना है कि केंद्रीय मंत्री इस साल संपन्न हुए चैत्र पर्व के आय- व्यय को लेकर जांच के आदेश दे सकते हैं.
कुछ अधिकारियों की वजह से जिले की खराब हो रही छवि, नई परंपरा की हो रही शुरुआत
जिले में लंबे समय से जमे कुछ अधिकारियों की वजह से जिले की छवि खराब हो रही है. जिला मुख्यालय से लेकर अनुमंडल और प्रखंड कार्यालयों में गलत प्रथा की शुरुआत हो रही है. उपायुक्त को इस बात की भनक लग चुकी है, मगर चूंकि नीचे के अधिकारियों की पहुंच ऊपर तक होने की वजह से उपायुक्त भी गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं. कुछ महिला अधिकारियों को ज्यादा तरजीह दिया जा रहा है जिसकी दबी जुबान से अधिकारियों में चर्चा हो रही है.
