सरयकेला: सरायकेला के छऊ कलाकेंद्र में सोमवार को जिला प्रशासन के तत्वावधान में कोविड-19 प्रोटोकॉल के बीच सीमित दर्शकों के साथ चैत्र पर्व छऊ महोत्सव का आगाज हुआ.
महोत्सव का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि उपायुक्त अरवा राजकमल सहित पुलिस अधीक्षक आनंद प्रकाश एवं पद्मश्री पंडित गोपाल प्रसाद दुबे ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. राजकीय छऊ चैत्र पर्व महोत्सव के उदघाटन सामारोह को संबोधित करते हुए उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि छऊ नृत्य एक प्रचीन कला है, जिसे अक्षुण्य रखते हुए विकसित कर आने वाली पीढ़ियों को जोड़ने के लिए सरकार द्वारा छऊ महोत्सव को राजकीय महोत्सव का दर्जा दिया गया है.
उन्होंने कहा कि जिले में छऊ नृत्य की तीन शैली है. सभी शैलियों में विभिन्नताएं हैं, परंतु छऊ एक कला भी है. पायुक्त ने कहा कि छऊ कलाकार अपनी भाव- भंगिमा एवं मुखैटा के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों को मिटाने का संदेश तथा धर्मिक व पौराणिक कथाओं की प्रस्तुति कर दर्शकों को कई तरह का संदेश देते हैं. उन्होंने कहा छऊ कला को आगे बढ़ाने की जरूरत है, और यह सभी जनमानस का कर्तव्य है. मौके पर सरायकेला प्रखंड विकास पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार, नगर पंचायत कार्यपालक पदाधीकारी राजेंद्र गुप्ता भी उपस्थिति रहे.
मंगल ध्वनि एवं धुन बजने के पश्चात छऊ नृत्य का प्रदर्शन कलाकारों द्वारा किया गया. जिसमें ग्रामीण छऊ नृत्य प्रतियोगिता के विजेताओं के अलावा सरायकेला शैली के छऊ नृत्य का कलाकारों द्वारा प्रदर्शन किया गया.