सरायकेला: जिले के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत बीरबांस पंचायत के निश्चिंतपुर में शनिवार को सार्वजनिक चाड़री पाट पूजा कमेटी के तत्वावधान में आस्था व विश्वास के साथ चाड़री पाट पूजा उत्सव का आयोजन किया गया. वन कुमारी पूजा के साथ चाड़री पाट पूजा का शुभारंभ हुआ जिसमें स्थानीय एवं दूरदराज से हजारों की संख्या में ऊंची पहाड़ी पर नंगे पांव चढ़ कर श्रद्धालुओं ने आस्था के साथ पावड़ी देवी, चाड़री मां एवं भोले बाबा की पूजा- अर्चना कर सुख- शांति व समृद्धि की कामना की.
श्रद्धालुओं ने अपनी मन्नत पूरी करते हुए सैकड़ों बकरे, बत्तख व मुर्गे की भी पूजा की. जानकारी हो, कि निश्चिंतपुर में मकर संक्रांति के दूसरे दिन पहले माघ को दो दिवसीय चाड़री पाट पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमे बड़े- बड़े चट्टानों के बीच तीन अलग- अलग पूजा स्थल पर भोले बाबा, मां पाउड़ी एवं चाड़री देवी की पूजा की जाती है. इस मौके पर बीरबांस, मुड़िया, मुड़टांड़, दुग्धा, कालिकापुर, कांड्रा, रपचा, कालिकापुर, दुगनी व डुमरा पंचायत समेत विभिन्न क्षेत्र से हजारों की तादाद में आकर श्रद्धालु चाड़री पाट में पूजा- अर्चना कर सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना करते हैं. चाड़री पाठ में बूढ़ा बाबा के रुप में भगवान शिव की एवं मां पावड़ी व चाड़री पाट देवी की पूजा की जाती है. भगवान शिव की पूजा पुष्प, बेलपत्र एवं मिठाई प्रसाद के साथ की जाती है, जबकि पाउड़ी देवी व चाड़रीपाठ देवी की पूजा में बकरे, बत्तख एवं मुर्गो की भी पूजा की जाती है. प्रतिवर्ष की भांति शनिवार को दो दिवसीय चाड़रीपाठ पूजा का आयोजन किया गया. पहले दिन वन कुमारी की पूजा- अर्चना के साथ चाड़री पाठ पूजा का शुभारंभ हुआ. स्थानीय एवं दूरदराज से काफी संख्या में आकर श्रद्धालुओं ने भोले बाबा, मां पाउड़ी व चाड़रीपाट देवी की पूजा- अर्चना कर सुख,शांति व समृद्धि की कामना की.
कुछ श्रद्धालुओं ने मन्नतें मांगी जबकि कुछ ने पहले की मांगी हुई मन्नतें पूरी की. कई श्रद्धालु मन्नतें पूरी करने के लिए षष्टांग प्रणाम करते हुए चाड़री पाठ चढ़कर पूजास्थ्ल तक पहुंची. सुबह से देर शाम तक पूजा के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. जिसमें महिलाओं की संख्या अधिक थी. मुख्य पुरोहित गौर सिंह सरदार, सहयोगी पुरोहित बुधराय सिंह सदार व सूरज सिंह सरदार ने पूजा अनुष्ठान के कार्यक्रमों को संपन्न कराया.