सरायकेला/ Ajay Mahato : भारत सरकार के केन्द्रीय रेशम बोर्ड के सदस्य सचिव पी.शिवकुमार ने खरसावां पीपीसी का दौरा किया. उन्होंने तसर की मिट्टी से रेशम की गतिविधियों का बारिकी से अवलोकन किया. इस अवसर पर उन्होंने तसर रेशम कीटपालकों को कीटपालन सामग्रियों का वितरण भी किया तथा उनके साथ कीटपालन गतिविधियों पर चर्चा की. चर्चा के दौरान तसर रेशम उत्पादन की भावी कार्य योजना पर भी प्रकाश डाला गया.
कार्यक्रम में केन्द्रीय तसर अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक डॉ.एन.बी.चौधरी ने तसर की खेती के प्रमुख लाभों को इंगित करते हुए कहा कि यह पर्यावरण हितैषी, कार्बन पृथक्करण में सक्षम, गरीब आदिवासियों के परम्परागत ग्रामीण रोजगार की धुरी है. उन्होंने कहा कि झारखण्ड में 2.22 लाख लोग कीटपालन कार्य से जुड़े हैं. पूरे देश का झारखण्ड में 60 से 70 प्रतिशत तसर उत्पादन होता है.कोल्हान तसर उत्पादन का प्रमुख क्षेत्र है, जहाँ झारखण्ड के तसर उत्पादन का 40 प्रतिशत उत्पादन होता है.
उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस वर्ष तसर का उत्पादन और अधिक बढ़ेगा. कार्यक्रम के दौरान तसर उत्पादन बढ़ाने हेतु विस्तृत चर्चा की तथा इसके लिए वन विभाग का भी सहयोग लेने का विचार व्यक्त किया गया.कार्यक्रम में सहायक निदेशक (रेशम) कोल्हान के.के.यादव, डीएफओ सरायकेला आदित्य कुमार, वैज्ञानिक डॉ.जय प्रकाश पाण्डेय आदि उपस्थित थे.