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चांडिल: सरायकेला- खरसावां जिला के चांडिल स्टेशन बस्ती स्थित नव प्राथमिक विद्यालय परिसर में दो माह पूर्व लगभग 3.65000 की लागत से निर्मित सोलर जल मीनार बुधवार को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया.
लाखों की लागत से निर्मित जल मीनार पल भर में ध्वस्त होकर धरातल में समा गया. इससे इसकी गुणवत्ता पर प्रश्न चिन्ह लग गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि मुखिया की अनदेखी के कारण घटिया किस्म के लोहे का प्रयोग किया गया था. साथ ही सोलर पंप आदि सस्ते मूल्य के लगाए गये जिसके कारण स्टेशन बस्ती के लोगों को महज दो से तीन महीना पानी मुहैया हो पाया और अब बारिश के आगमन से पहले लोगों को यह दिन देखना पड़ा गया.
देखें जमीन पर गिरा जलमीनार
वैसे यह संयोग था कि इस दुर्घटना में स्कूल के बच्चे बाल- बाल बच गए अन्यथा कोई बड़ा हादसा हो सकता था. स्थानीय लोगों की मांग है, कि जिन कारणों से सोलर जल मीनार ध्वस्त हुआ इसकी जांच होनी चाहिए. साथ ही संवेदक की भी जांच होनी चाहिए, जो अधिक लाभ कमाने के चक्कर में सुरक्षा की अनदेखी कर निम्न स्तर के सोलर पैनल से लेकर इसकी बेस को भी काली ईंटो से बनवाया और बच्चों की जान जोखिम में डाल दी. संबंधित लोगों पर कार्रवाई ना होने की स्थिति में लोगों ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है.
देखें ध्वस्त जल मीनार की तस्वीर
बता दे कि पूरे जिले में जितने जल मीनार बनाए गए हैं, उसमें बरती जाने वाली अनियमितता की शिकायत पूर्व में ही लोगों ने की थी. वास्तविकता तो यह है कि इसमें लगे लोहे के पैनल घटिया किस्म के हैं. साथ ही नया चापाकल नही खुदवाकर पुराने चपाकल में मोटर फिट किया गया जिससे ठेकेदार और मुखिया ने मिलकर मलाई काटी जिसका दुष्परिणाम अब सामने आ रहा है.
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