सरायकेला/ Pramod Singh किसी भी संस्थान को सुचारू ढंग से चलाने के लिए प्रबंधन की ओर से वहां कार्यरत कर्मियों के लिए ड्यूटी रोस्टर बनाया जाता है. किंतु सदर अस्पताल सरायकेला परिसर में बना ब्लड बैंक बिना ड्यूटी रोस्टर का ही संचालित हो रहा है. ब्लड बैंक में दो लैब टेक्निशियन एवं एक ए ग्रेड स्टाफ प्रतिनियुक्त हैं, लेकिन सक्षम अधिकारियों द्वारा ब्लड बैंक के कर्मियों के लिए कोई ड्यूटी रोस्टर नहीं बनाया गया है.


ब्लड बैंक चौबीसों घंटे संचालित होने वाला विभाग है. ताकि कभी भी किसी मरीज की रक्त की आवश्यकता पड़े तो उसे सुगमता से रक्त उपलब्ध करवाया जा सके.चौबीसों घंटे संचालित होने वाले संस्थान के लिए ड्यूटी रोस्टर का होना आवश्यक होता है. किंतु सदर अस्पताल सरायकेला में स्थित बल्ड बैंक में कोई ड्यूटी रोस्टर नहीं है. ब्लड बैंक समाज के लिए मायने रखने वाला संस्थान है. विकट परिस्थिति में ब्लड बैंक समाज और देश में अपनी अहम भूमिका निभाता है. अपने दायित्व को पूरा करने के लिए बल्ड बैंक चौबीसों घंटे समाज के लिए उपलब्ध होता है. इसके साथ ही रक्त दाताओं द्वारा जो रक्तदान किया जाता है उसे बल्ड बैंक में निश्चित तापमान पर रखा जाता है ताकि रक्त को खराब होने से बचाया जा सके. इसके लिए बल्ड रखे हुए रेफ्रिजरेटर का नियमित मॉनिटरिंग की आवश्यकता होती है. इतने महत्वपूर्ण संस्थान में जहां ड्यूटी रोस्टर नहीं है ऐसे में किसी भी तरह की परेशानी हो तो जिम्मेवारी कैसे तय हो पाएगी. ब्लड बैंक की प्रभारी ने बताया कि बल्ड बैंक चौबीसों घंटे संचालित होने वाला विभाग है. ब्लड बैंक की महत्ता को ध्यान में रखते हुए यहां के कर्मियों को मुख्यालय में रहना आवश्यक है, ताकि कभी भी किसी प्रकार की कोई परिस्थिति उत्पन्न हो तो उसके लिए कर्मी अविलंब वहां उपस्थित हो सकें. वर्तमान में ब्लड बैंक में तीन कर्मी कार्यरत हैं. जिनमे दो लैब टेक्निशियन एवं एक ए ग्रेड स्टाफ शामिल है. तीनो कर्मियों में दो कर्मी तो मुख्यालय में रहते हैं किंतु एक कर्मी का आवास जिला मुख्यालय से बाहर है. वे प्रतिदिन आना- जाना करते हैं.
