सरायकेला/ Pramod Singh भाजपा विधानसभा संयोजक सह पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने पशुपालन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोली है. चौधरी ने कहा कि पूरा झारखंड भ्रष्टाचार के दलदल में डूब रहा है उन्होंने पिछले दिनों 8 करोड़ की लागत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा टाउन हॉल के विषय में आवाज बुलंद की थी.
उन्होंने आज भ्रष्टाचार का एक और नमूना के तौर पर पशुपालन विभाग के भ्रष्टाचार की पोल खोली दी. पूरे झारखंड में भ्रष्टाचारी सरकार के मातहतों द्वारा जल, जंगल, जमीन लूटने के बाद जानवरों को भी नहीं बक्शा. उन्होंने फोटो और वीडियो जारी करते हुए कहा कि सामान्य गाय जिनकी कीमत महज 20 से 25 हजार होगी. उन सबको मैनेज कर जिला गव्य विकास केंद्र द्वारा 60000 की कीमत में खरीद कर झारखंड के भोले- भाले आदिवासी और किसानों को ठगा जा रहा है. इस संबंध में जिला पशुपालन पदाधिकारी से मेरे द्वारा जानकारी मांगने पर घोटाले की जानकारी तो नहीं दी गई बल्कि अपनी महिमामंडन करने लगे.
उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर सत्ताधारी गठबंधन के भ्रष्ट राजनीतिक दलों से जुड़े हुए कार्यकर्ता व विधायक/ सांसद के प्रतिनिधि व चट्टे- बट्टे अपने आकाओं को खुश करके विभिन्न विभागों में अपने परिवार को नौकरी एवं ठेकेदारी में सेट और मंत्री/ अफसर से भेंट पाने की जुगाड़ में लगे हुए हैं. मनोज चौधरी ने बताया कि 60 हजार की गाय को कम से कम 15 से 20 लीटर दूध देना चाहिए लेकिन जो किसानों को गाय की जा रही हो मंत्र 2 से 3 लीटर ही दूध दे रही है. किसान को जो गाय को खिला रहे हैं वह भी लागत नहीं निकल पा रही है. उन्होंने कहा जब गए बांटने की बात आती है तो उसे समय संवेदक द्वारा अच्छी नस्ल की गाय ले जाकर मंत्री के सामने फोटो खींचवा ली जाती है. इसके बाद उस गाय को हटाकर दूसरी गाय किसन को दे दी जाती है. उन्होंने उपयुक्त से पूरी योजना की उच्च स्तरीय जांच करने की मांग की है.