सरायकेला: सरायकेला स्थित भगवान बिरसा मुंडा स्टेडियम पिछले दो साल से जीर्णोद्धार कार्य के लिए खिलाड़ियों और आमजनों के लिए बंद था. नपं के पूर्व उपाध्यक्ष सह समाजसेवी मनोज कुमार चौधरी की पहल पर करीब दो वर्षों के इंतजार के बाद मंगलवार से भगवान बिरसा मुंडा स्टेडियम को आखिरकार खिलाड़ियों और आमजनों के लिए खोल दिया गया है.


बता दें कि यह स्टेडियम बीते दो सालों से जीर्णोद्धार कार्य के चलते बंद था, जिससे खेल गतिविधियां ठप पड़ी थीं और स्थानीय खिलाड़ी अभ्यास से वंचित हो रहे थे. नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष सह समाजसेवी मनोज कुमार चौधरी ने खिलाड़ियों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त को पत्र लिखकर मैदान को शीघ्र खोलने की मांग की थी. उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया था कि मरम्मत कार्य के बीच भी खिलाड़ियों को सीमित समय के लिए मैदान में अभ्यास करने की अनुमति दी जाए, ताकि उनकी तैयारी पर असर न पड़े. श्री चौधरी की पहल पर जिला खेल पदाधिकारी ने भगवान बिरसा मुंडा स्टेडियम को निर्धारित समय पर आम लोगों और खिलाड़ियों के लिए खोलने की स्वीकृति दे दी है. अब यह मैदान प्रतिदिन सुबह 5:00 बजे से 9:30 बजे तक और संध्या 4:00 बजे से 7:30 बजे तक उपयोग के लिए उपलब्ध रहेगा. हालांकि, मैदान का उपयोग कुछ शर्तों के साथ ही किया जा सकेगा, ताकि उसकी मरम्मत और सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे. मैदान के दोबारा खुलने की खबर से खिलाड़ियों में उत्साह का माहौल है. लंबे समय से अभ्यास न कर पाने के कारण स्थानीय खिलाड़ी प्रतियोगिताओं में पिछड़ रहे थे. अब उन्हें फिर से अभ्यास का उचित अवसर मिलेगा, जिससे वे आने वाले टूर्नामेंटों में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे. नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने उपायुक्त और जिला खेल पदाधिकारी का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह निर्णय खिलाड़ियों के हित में है. मैदान के ओपन होने से स्थानीय खेल प्रतिभाओं को निखरने का अवसर मिलेगा. अभ्यास के लिए जरूरी ढांचा और वातावरण मिलने से जिले के युवा राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे. यह मैदान सिर्फ खिलाड़ियों के लिए नहीं, बल्कि आमजनों के लिए भी स्वास्थ्य और फिटनेस के उद्देश्य से खोला गया है. सुबह और शाम की पाली में वॉकिंग, योगा और अन्य फिटनेस गतिविधियों के लिए इसका उपयोग किया जा सकेगा. इससे नगरवासियों की जीवनशैली में भी सुधार की उम्मीद है. भगवान बिरसा मुंडा स्टेडियम का दोबारा खुलना जिले में खेल संस्कृति को नई दिशा देगा. लंबे समय से ठप पड़ी गतिविधियों को अब फिर से गति मिलेगी. स्थानीय खेल प्रशिक्षकों ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे युवा खिलाड़ियों को एक बार फिर से निखरने का अवसर मिलेगा. पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि मैदान के दोबारा खुलने के बाद इसकी सुरक्षा, सफाई और नियमों के पालन पर विशेष ध्यान देना जरूरी है. यदि मैदान की देखभाल नियमित रूप से की जाए, तो यह जिले की एक बड़ी खेल संपत्ति के रूप में उभर सकता है.
